लंदन। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में विकसित मलेरिया के आर21मैट्रिक्स-एम टीके का उत्पादन भारत में किया जाएगा। यूनिवर्सिटी ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (CII) के साथ हुए समझौते के तहत भारत में उत्पादित टीकों का सबसे पहले अफ्रीकी देश घाना में इस्तेमाल किया जाएगा।
टीका विज्ञानियों का मानना है कि इससे दुनिया में हर साल होने वाली करीब पांच लाख मौतें कम होंगी। टीके का ब्रिटेन, थाईलैंड, बुर्किना फासो, केन्या, माली और तंजानिया में परीक्षण किया गया। इनके नतीजे वर्ष के अंत में जारी किए जाएंगे। एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, सालभर में 20 करोड़ टीकों का उत्पादन किया जाएगा।
नोवावैक्स के एडजुवेंट का किया गया इस्तेमाल
टीका विकास से जुड़े प्रो. एड्रियन हिल ने कहा, यह ऑक्सफोर्ड में मलेरिया टीके पर 30 वर्ष के अनुसंधान का नतीजा है। उन्होंने बताया कि मैट्रिक्स-एम में नोवावैक्स के सैपोनिन आधारित एडजुवेंट का इस्तेमाल किया गया है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को बढ़ाता है, जिससे इसका प्रभाव ज्यादा शक्तिशाली और टिकाऊ हो जाता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved