इंदौर। हर साल की तरह इस साल भी सारा शहर मच्छरों से परेशान है, मगर इसके बावजूद राहत की बात यह है कि इंदौर में अब तक मलेरिया बुखार से पीडि़त 4 मरीज ही सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मलेरिया बुखार इंदौर जिले से लगभग ऑल-आउट हो चुका है, लेकिन मच्छरों से होने वाली डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां अब शुरू हो गई हैं।
साल 2016 में जहां मध्यप्रदेश में 68 हजार से ज्यादा मलेरिया के मरीज थे तो वहीं साल 2021 तक मलेरिया पीडि़तों की संख्या 3181 तक सिमट कर रह गई। इसी तरह इंदौर जिले में साल 2016 में 62 मरीज मिले, मगर साल 2021 में 13 मरीज ही सामने आए थे। इस साल अभी तक लगभग 4 महीने में सिर्फ 4 मरीज ही सामने आए हैं।
म.प्र. में हर साल घटे मरीज
साल 2016 से लेकर 2021 तक के मलेरिया बुखार पीडि़त मरीजों की संख्या का विश्लेषण करें तो एक बात साफ नजर आती है कि सिर्फ अकेले इंदौर में ही नहीं, बल्कि सारे मध्यप्रदेश में हर साल मलेरिया कमजोर पड़ता नजर आ रहा है, बल्कि कोरोना संक्रमण के कहर के दौरान साल 2020 और साल 2021 के दौरान तो मलेरिया बुखार के मरीजों की संख्या बड़ी तेजी से घटती रही है। पिछले 6 सालों में 15 मरीजों की मृत्यु हुई है।
मलेरिया घटा डेंगू बढ़ा
स्वास्थ्य विभाग भले ही खुशियां मनाए कि मलेरिया खत्म हो गया है, मगर मच्छरजनित डेंंगू बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस बुखार से खून के प्लेटलेट्स घटने से कई मरीजों की मौत हो जाती है।
इंदौर में मरीज
साल मरीज
2016- 62
2017- 77
2018- 49
2019- 32
2020- 21
2021- 13
2022- 04
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