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केंद्र सरकार की सभी योजनाओं में मप्र को बनाएं नंबर-1

December 16, 2021

  • मोदी की पाठशाली के बाद अब शिवराज ने मंत्रियों और अफसरों को दिया मंत्र

भोपाल। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले मंत्र के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को भोपाल आ गए और आते ही काशी के विकास के आदर्श मॉडल के आधार अपने राज्यों को उत्तम प्रदेश बनाने में जुट गए। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों, एसीएस, पीएस, सचिव और विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई और उनके सामने विकास का खाका रखा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मध्यप्रदेश को तेजी से आगे ले जाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशों पर कार्य कर केन्द्र सरकार की योजनाओं में नंबर-1 रहने की कोशिश करें। राजस्व बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करें। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस एवं ईज ऑफ लिविंग दोनों के लिए प्राथमिकता से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीम मध्यप्रदेश जनता के लिए दिन-रात कार्य करने में जुटे। सभी आवश्यक कार्य करते हुए कोविड को कंट्रोल करना हमारी प्राथमिकता है। सभी व्यवस्थाएँ चाक-चौबंद रहें। बिना टीका लगवाए कोई भी व्यक्ति न रहे। सेकण्ड डोज़ का टारगेट समय पर पूरा करें।



मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग अपने बजट का उपयोग समय पर करें। जो विभाग पैसा खर्च नहीं कर पाएंगे उनके बजट का पैसा दूसरे विभागों को दे दिया जाएगा। केन्द्र सरकार से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक राशि की मांग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भारत सरकार की अनेकों योजनाओं में नम्बर वन है। हमारी कोशिश सभी योजनाओं में नम्बर वन रहने की होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की जैसे ही कोई नई स्कीम लॉच हो उस पर तत्काल हमारा ध्यान जाए। राजस्व संग्रहण के लिए अतिरिक्त कोशिश करें। प्रदेश के विकास का आधार राजस्व ही है। रेवेन्यू संग्रहण की बैठक हर हफ्ते हो। इसी पर प्रदेश की प्रगति निर्भर है। राजस्व बढ़ाने के लिए विशेषज्ञों के माध्यम से कोशिश करें। अधिकतम राजस्व संग्रहण हो।

विकास के लिए रोडमेप बनाने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के विविधीकरण का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है। विभिन्न फसलों की खेती के विकल्प लिए तेजी से प्रयास किए जाएँ। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से कार्य करें। मोटा अनाज, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा की फसलों के उत्पादन पर ध्यान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए रोडमेप बनाकर लक्ष्य निर्धारित कर समय-सीमा में पूरा करें। राजस्व बढ़े, काम की गुणवत्ता ठीक हो। इन्फ्रा-स्ट्रक्चर के कामों में देरी न हो। गुणवत्तापूर्ण काम समय पर पूरा नहीं होने पर पेनल्टी लगाकर कार्यवाही की जाए। व्यापार, निवेश और रोजगार बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएं। स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेम पोर्टल का इस्तेमाल अधिकाधिक हो। विदेशी मुद्रा लाने के लिए निर्यात पर पर ध्यान दें। एक जिला-एक उत्पाद को लेकर काम करें। कच्चा माल, कृषि उत्पाद निर्यात किये जा सकते हैं। स्टार्टअप के क्षेत्र में ध्यान दें। आत्म-निर्भर भारत निर्माण योजना और रोजगार योजना पर ध्यान देकर कार्य करें।

मप्र का केंद्र से बेहतर तालमेल
गौरतलब है कि मप्र का केंद्र से बेहतर तालमेल है। इस कारण केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पूरी तरह से यहां की जनता को मिलता है। सुविचारित सोच, सुचिंतित नीतियों, फैसलों और प्रेरणादायी नेतृत्व ने सरकार की नीति और नीयत के फर्क को मिटाकर सच्चे अर्थों में प्रदेश के विकास और लोगों की बेहतरी के कामों की तस्वीर में नए रंग भर दिये हैं। आज मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में न केवल अपनी बल्कि भारत सरकार की भी लोक कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों को अमली जामा पहनाने में अग्रणी बनकर उभरा है। मप्र की इन्हीं उपलब्धियों को देखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश को भारत की अर्थ-व्यवस्था की ड्रायविंग फोर्स बनने की पूरी क्षमता वाला बताया है। आज एनीमिया मुक्त भारत अभियान में 64.1 स्कोर के साथ मप्र ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। आयुष्मान भारत योजना के कार्ड जनरेशन में मप्र पूरे देश में प्रथम है। प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 57 लाख 44 हजार से अधिक कार्ड बनाए जा चुके हैं। जल जीवन मिशन के तहत एक करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवार वाले राज्यों में मिशन की इस साल की भौतिक प्रगति में मप्र का, देश में चौथा स्थान है। मप्र देश का अकेला राज्य है जहां सभी जिला स्तरीय पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाएं एनएबीएल प्रमाणित हैं। मिशन के जरिए प्रदेश में 1 करोड़ 22 लाख घरों में से 42 लाख 98 हजार घरों में नल कनेक्शन हो गए हैं। कृषि अधोसंरचना निधि के उपयोग में मध्यप्रदेश, देश में पहले स्थान पर है। अब तक 805 करोड़ रूपए से अधिक की ऋण राशि प्रदेश में हितग्राहियों को कृषि अधोसंरचा के विकास के लिये प्रदाय जारी कर दी गई है।

 

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