इंदौर। नगर निगम (municipal Corporation) द्वारा सुभाष मार्ग (Subhash Marg) की सडक़ के लिए पिछले कई दिनों से नपती और सेंटर लाइन (center line) का कार्य किया जा रहा है। अब 100 फीट चौड़ी सडक़ के मामले को लेकर रहवासी लामबंद हो गए हैं और इसका विरोध शुरू कर दिया है। आज रहवासियों का प्रतिनिधिमंडल निगम कमिश्नर (corporation commissioner) से मिलने जाएगा। पिछले पांच दिनों से रामबाग पेट्रोल पंप (Rambagh Petrol Pump) से नगर निगम स्मार्ट सिटी (municipal smart city) के अधिकारियों द्वारा 100 फीट चौड़ी सडक़ के लिए सेंटर लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया है और यह कार्य अब तक बड़वाली चौकी क्षेत्र तक पूरा हो चुका है। निगम द्वारा जो सेंटर लाइन बिछाई गई है, उस मान से सडक़ के दोनों छोर से 50-50 फीट हिस्से लिए जाएंगे और इस मान से 100 फीट चौड़ी सडक़ बनाई जाएगी। सेंटर लाइन के मान से देखा जाए तो क्षेत्र के कई मकान-दुकानों के हिस्से इसकी चपेट में आ रहे हैं और ऐसे बाधकों की संख्या 242 के आसपास है। रहवासियों का कहना है कि अगर निगम 100 फीट सडक़ निर्माण की जिद छोडक़र 80 फीट निर्माण कार्य करे तो कई लोगों के मकान बच जाएंगे। इसके लिए वे आज निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे।
चूड़ीवाले की पूरी दुकान और ऊपर का मकान सडक़ की जद में और पीछे बना तीन मंजिला मकान दुकान से भी आगे
सुभाष मार्ग की सडक़ (road of subhash marg) के लिए भोई मोहल्ला क्षेत्र में चूड़ी का व्यवसाय करने वाले मध्यमवर्गीय परिवार का पूरा आशियाना चपेट में आ रहा है। सेंटर लाइन के लिए जब नपती की गई तो वहां रहने वाले बड़ों से लेकर बच्चों के चेहरे पर तनाव था। इस मकान का पूरा हिस्सा तो चपेट में आ ही रहा है, इसके पीछे बनी बिल्डिंग का भी हिस्सा बाधक बन रहा है। वहीं दूसरी ओर इसी दुकान के समीप वर्षों पुराना तीन मंजिला मकान दुकान से भी आगे बना हुआ है और वहां भी नपती में मकान का काफी हिस्सा सडक़ के कारण टूटेगा। दोनों छोर पर बने मकानों में कई के पूरे हिस्से टूटने वाले हैं। लोगों का सवाल- पूरा मकान टूटेगा, अब कहां जाएं? कई रहवासियों का कहना है कि भोई मोहल्ला, बड़वाली चौकी और स्मृति टॉकिज के सामने के हिस्से में मकान-दुकान के पूरे हिस्से चपेट में आ रहे हैं। इनमें इमली बाजार चौराहे के समीप तो पांच से दस ऐसे मकान हैं, जिनके पूरे हिस्से टूट रहे हैं। वहां रहने वाले लोगों का कहना है कि हमारे पास वर्षों पुरानी रजिस्ट्री है। ऐसे में निगम पूरा मकान तोड़ रहा है तो हम कहां जाएं?
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