उज्जैन। पांच साल के बाद इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसा सूर्य की चाल में बदलाव के कारण हो रहा है। साल 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। यह पर्व हर साल 14 जनवरी को ही नहीं, बल्कि कभी-कभी 15 जनवरी को भी मनाया जाता है। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) की तारीख में बदलाव होने की वजह है सूर्य का चाल है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, हर साल सूर्य मकर राशि में 20 मिनट देरी से प्रवेश करता है। हर तीन साल में सूर्य एक घंटे बाद और हर 72 साल में एक दिन की देरी से मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन गंगा स्नान और दान का शुभ मुहूर्त सुबह 9:03 बजे से लेकर शाम 05:46 बजे तक रहने वाला है। इस शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान और दान करने से विशेष लाभ मिलते हैं। इस पुण्य काल की अवधि 8 घंटे 42 मिनट रहने वाली है। मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को सुबह 09:03 बजे से लेकर सुबह 10:48 बजे तक महापुण्य काल रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
वैसे भी हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार खास महत्व रखता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन ग्रहों के राजकुमार सूर्य देव शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं और इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मकर संक्रांति के दिन पुनर्वसु नक्षत्र एवं विष्कुंभ योग का संयोग बन रहा है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। तब खरमास खत्म हो जाएगा।
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