नई दिल्ली। सूर्य ग्रह (sun planet) के मकर राशि में प्रवेश करने के कारण मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 14 जनवरी को पड़ रहा है। मकर संक्रान्ति के दिन गंगा स्नान (bathing in the Ganges) और दान पुण्य का विशेष महत्व है। मान्यता है कि मकर संक्रान्ति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं, और आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। इस दिन पुण्य, दान, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का अनन्य महत्व है। इस दिन गंगा स्नान व सूर्योपासना पश्चात गुड़, चावल और तिल का दान श्रेष्ठ माना गया है। मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) के दिन खाई जाने वाली वस्तुओं में जी भरकर तिलों का प्रयोग किया जाता है। मकर संक्रांति के दिन कुछ कार्यों का विशेष महत्व (special importance) है जिसमें दान के साथ-साथ पूजा-पाठ (worship) सहित तमाम चीजें शामिल हैं। मान्यता के अनुसार इस त्योहार के दिन दान देने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। लेकिन कुछ ऐसे कार्य भी हैं जो भूलकर भी मकर संक्रांति के दिन नहीं करने चाहिए। आइए जानते हैं क्या है वो कार्य ।
बिना स्नान के न करें भोजन
मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करना चाहिए और फिर दान और पूजा पाठ करना चाहिए। इसके बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। संक्रांति के दिन जो व्यक्ति बिना स्नान-दान के भोजन ग्रहण करता है उसको शुभ परिणाम (good result) प्राप्त नहीं होते हैं।
अपशब्द न कहें
मकर संक्रांति के दिन अपनी वाणी में संयम रखें। किसी को भी अपशब्द न कहें। सबके साथ आछ व्यवहार करें। संक्रांति के दिन बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। यदि आपसे कोई गलत बात करता है तो अपने गुस्से को नियंत्रण में रखें।
तामसिक भोजन न करें
मकर संक्रांति धार्मिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है। ऐसे में हमें सात्विक भोजन ही करना चाहिए। यानि तामसिक भोजन जैसे प्याज लहसुन मांस मदिरा जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए। संक्रांति के दिन जो खिचड़ी बनती है उसमें भी लहसुन-प्याज नहीं डालना चाहिए।
खाली हाथ न जाए भिखारी
यदि आपके घर पर कोई भिखारी आया है, तो उसे खाली हाथ न लौटाएं। इस दिन दान अवश्य करें।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। हम इनकी पुष्टि नहीं करते है। इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved