माकड़ोन। नगर का शासकीय अस्पताल जिस पर 150 गांवों के लोगों के प्राथमिक उपचार की जिम्मेदारी है। अपनी बदहाली पर आंसु बहा रहा है। कहने को जनप्रतिनिधियों के द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है। एक ओर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान स्वास्थ्य एवं चिकित्सा बेहतर बनाने की बात करते हैं। नगर के शासकीय अस्पताल में दो चिकित्सक, महिला चिकित्सक के साथ ही आधा दर्जन पद लम्बे समय से रिक्त पड़े हुए हैं, एक्स-रे मशीन पुरानी हो चुकी है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नागरिकों ने अग्निबाण को बताया कि तहसील के 150 गांवों के बाशिंदों के प्राथमिक उपचार की जिम्मेदारी इस स्वास्थ्य केन्द्र के अधीन है लेकिन यहाँ की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फलस्वरूप यहाँ उपचार हेतु आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिदिन यहाँ 150-200 मरीज पहुंच रहे है जिसमें आधे से अधिक महिलाएं होती हैं। महिला चिकित्सक के नहीं होने से परेशान होना पड़ रहा है। अस्पताल की बदहाली का आलम यह है कि रात्रि में यहाँ कोई चिकित्सक नहीं रहता है।
ऐसे में गम्भीर मरीजों को उपचार हेतु 57 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय उज्जैन में निजी चिकित्सालय में ले जाना पड़ रहा है। यहाँ रात्रि में आने पर मरीजों को बिना प्राथमिक उपचार के बैरंग वापस जाना पड़ता है। रास्ते में अनेक मरीज दम तोड़ देते हैं। नागरिकों ने जनप्रतिनिधियों एवं चिकित्सा विभाग के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि चुनाव के दौरान तो बड़े-बड़े दावे किए जाते है लेकिन बाद में नतीजा सिफर नजऱ आता है। लगभग 150 गांवों के प्राथमिक उपचार की जिम्मेदारी इस स्वास्थ्य केन्द्र के तहत है लेकिन यहाँ की व्यवस्था सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है। इस संबंध में चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहाँ चिकित्सक का टोटा, सुविधाओं का अभाव, महिला चिकित्सक का पद वर्षों से खाली पड़ा हुआ है जिस पर नियुक्ति नहीं की जा रही है। इस शासकीय अस्पताल में 150 गांवों के हिसाब से चिकित्सा सुविधाओं की हालत ऊंट के मुंह में जीरे के समान दिखाई दे रही है। मात्र एक चिकित्सक ही सेवा दे रहे हैं। तीन चिकित्सक के पद हैं। नागरिकों ने एक स्वर में जिलाधीश से माकड़ोन के शासकीय अस्पताल में खाली पदों पर नियुक्ति करवाने की मांग की गई है।
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