नई दिल्ली। भारत (india) की पहली mRNA वैक्सीन HGCO19 के फेज-3 ट्रायल (Phase-3 Trials) जारी हैं। इसी बीच जांचकर्ताओं ने जानकारी दी है कि ट्रायल में शामिल हुए करीब 90 फीसदी लोगों को एक या दो डोज लेने के बाद कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं दिखे हैं। HGCO19 को पुणे की जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (Gennova Biopharmaceuticals Ltd) ने तैयार किया है। फिलहाल, भारत (india) में कोरोना वायरस (corona virus ) के नए वेरिएंट (new variants) ओमिक्रॉन (Omicron) को लेकर सरकार और अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं।
पुणे के केईएम हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में मुख्य जांचकर्ताओं में से एक डॉक्टर आशीष बावडेकर ने बताया कि HGCO19 इम्यूनोजेनिसिटी का फेज-1 का डेटा प्रोत्साहन देने वाला है। उन्होंने कहा, ‘बहुत कम वॉलिंटियर्स में दिखे साइड इफेक्ट्स बहुत हल्के और विशेष नहीं थे. कुछ वॉलिंटयर्स में कोई साइड इफेक्ट्स नहीं भी दिखे.’ उन्होंने कहा कि देखे गए मामूली साइड इफेक्ट्स में हल्का बुखार या सिरदर्द शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, फेज-3 ट्रायल है, जिसके बाद तस्वीर साफ हो सेकेगी, क्योंकि इस चरण में सैंपल साइज भी काफी बड़ा है.’ HGCO19 की एक और ट्रायल साइट पुणे स्थित नोबल हॉस्पिटल्स के निदेशक डॉक्टर सिदराम के राउत ने बताया कि फेज-3 ट्रायल 22 दिसंबर के आसपास पूरे हो सकते हैं।
पिंपरी के डॉक्टर डीवाई पाटिल हॉस्पिटल में जारी वैक्सीन ट्रायल के प्रमुख जांचकर्ता डॉक्टर प्रकाश शेंडे ने कहा, ‘हमने फेज 3 ट्रायल के लिए 40 से ज्यादा लोगों को शामिल किया है. पहले दो चरणों के बाद हमें वैक्सीन पर पर्याप्त सेफ्टी डेटा मिल गया था. इसलिए फेज 3 ट्रायल्स के लिए करीब 4000 लोग शामिल हुए थे. यह फॉलो आप एक साल तक चलेगा।’
उन्होंने कहा, ‘जहां तक 1-2 चरण के ट्रायल्स की बात है, साइड इफेक्ट्स में इंजेक्शन लगाई जाने वाली जगह पर दर्द, कुछ वॉलिंटियर्स में एलर्जी जैसी रैश, शरीर में दर्द और हल्का बुखार शामिल है. कुछ मरीजों में ये साइड इफेक्ट्स अपने आप ठीक होने वाले हैं, जबकि अन्य का दवाओं के जरिए आसानी से इलाज किया जा सकता है।’
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