उज्जैन। उन्हेल में मावे की फिर बड़ी जब्ती हुई है तथा ढाई टन से अधिक मावा बरामद हुआ है और बड़ी बात यह है कि यह धंधा लंबे समय से चल रहा था और अब जाकर कार्रवाई हो रही है। नकली एवं मिलावटी मावा डालडा घी से तयार किया जाता है जो कि खाने में पूरी तरह स्वास्थ्य के लिए नुकसान होता है। खासकर शादियों में इस मावे का उपयोग होता है और अभी शादी के सीजन में जमकर सप्लाय हो रही थी।
कलेक्टर के निर्देश पर कल नागदा एसडीएम आशुतोष गोस्वामी और खाद्य विभाग के बसंत शर्मा, मनीष स्वामी, बनेसिंह देवलिया, सुभाष खेड़कर, पुष्कर द्विवेदी आदि अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ कल दोपहर में उन्हेल के पास इटावा गाँव के एक फार्म हाउस से 24 बोरी दूध पाउडर जो बाथरूम में रखा था, वहाँ से जप्त किया। इसके बाद सूचना पर माँ कृपा कोल्ड स्टोरेज जो उन्हेल के करीब है और इसका प्रोप्राइटर मयंक जैन है, उसके कोल्ड स्टोरेज पर छापा मारा। यहाँ 987 छबड़ी मावा अर्थात 24675 किलो मावा यहाँ कोल्ड स्टोरेज कर रखा गया था। शादी ब्याह में मांग के अनुसार मावा भेजा जाता है। यह मावा अलग-अलग व्यापारियों का था। सबसे अधिक 700 बोरी उन्हेल के ओम प्रकाश जैन की है जो अलग-अलग टैग लगी हुई थी। इसके अलावा 120 छबड़ी सौरभ जैन सुरेश जैन की थी।
अंकुर छाजेड़ की 50 डलिया, विकास मोटा नागदा वाले की 17 छबड़ी और दिनेश जैन की 55 तथा अनिल भंडारी जो चोमहला का रहने वाला है उसकी 50 छबड़ी मावा यहाँ रखा हुआ था। इस मावे की छबड़ी को अलग-अलग करने में अधिकारियों को काफी मशक्कत करना पड़ी। डलिया को अलग-अलग करके 21 सैंपल अधिकारियों ने लिए जो जाँच के लिए भोपाल भेजे गए। अधिकारियों का मानना है कि अलग-अलग प्रकार का मावा उन्हेल के व्यापारी तैयार करवाते हैं, इसमें वनस्पति और दूध पाउडर तथा रसायन मिलाकर मावा तैयार किया जाता है और जितनी मिलावट ज्यादा होती है उतना भाव कम होता है। शादी विवाह एवं अन्य आयोजनों में ग्राहक की माँग के हिसाब से मिलावटी मावा अलग-अलग भाव में बेचा जाता है। इसकी खबर प्रशासन को कई दिन से मिल रही थी। पहले भी कार्रवाई करते हुए खाद्य औषधि विभाग ने 250 किलो मावा जप्त किया था और सैंपल भेजे थे। कल फिर सूचना मिलने पर कार्रवाई की गई और इतना बड़ा नकली मावे का जखीरा प्रशासन को मिला है। अब संभावना है कि यहाँ उन्हेल के नकली और मिलावटी मावा बनाने वाले व्यापारियों पर प्रशासन बड़ी कार्रवाई कर सकता है। इस कार्यवाही में इन व्यापारियों के मकान तोडऩे से लेकर संपत्ति कुर्क करने तक की कार्रवाई हो सकती है।
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