ग्वालियर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) की ग्वालियर यात्रा (Gwalior Tour) के दौरान उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक हो गई. दो नकाबपोश बाइक सवार (masked biker) हाई सिक्योरिटी जोन में घुस गए. दोनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) के जय विलास पैलेस के मेन गेट के सामने पहुंच गए. यहां उन्हें पुलिसवालों ने रोक लिया. उनका पुलिसवालों से हल्का-फुल्का विवाद भी हुआ. कुछ देर पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों को जाने दिया. यह चूक इसलिए बड़ी थी, क्योंकि जिस वक्त राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जय विलास पैलेस के अंदर थीं, उस वक्त इस इलाके के एक किलोमीटर एरिया में एक हजार से ज्यादा पुलिस जवान मौजूद थे. दूसरी तरफ, ये नकाबपोश पहले से ही सुरक्षा की दो लेयर पार कर चुके थे. अगर उन्हें तीसरी लेयर में भी पुलिस नहीं रोकती तो वो जय विलास के मुख्य द्वार पर पहुंच ही गए थे.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 13 जुलाई को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मेहमान थीं. उन्होंने जय विलास पैलेस में उनके परिवार के साथ शाही भोज किया. इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित प्रदेश की कई हस्तियां मौजूद थीं. शाही भोज से पहले राष्ट्रपित मुर्मू ने जय विलास पैलेस का अवलोकन किया. उन्होंने मराठा गैलेरी देखी, संग्रहालय का अवलोकन किया और पूरा इतिहास जाना.
इसके बाद उन्होंने वहां नोट भी लिखा. उन्होंने लिखा, ‘संग्रहालय तथा विभिन्न दीर्घाओं को देखकर रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई. हमारे देश की परंपराओं और धरोहरों का सुंदर परिचय मिला. परिसर संग्रहालय तथा सभी स्थानों की देखरेख और रखरखाव में सुरुचि संपन्नता झलकती है. मैं इस प्रभावशाली प्रबंधन से जुड़े सभी लोगों की सराहना करती हूं. स्नेह तथा ऊर्जा से युक्त आतिथ्य के लिए मैं धन्यवाद देती हूं.’
जय विलास पैलेस में शाही भोज के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ट्रिपल आईटीएम गईं. उन्होंने संस्थान के दीक्षांत समारोह में कहा, प्यारे बच्चों को मेरा नमस्कार, आज अटल बिहारी वाजपेयी ट्रिपल आईटीएम संस्थान के बीच उपस्थित होकर बहुत अच्छा लग रहा है. आज एटोनॉमिक क्षेत्र में डॉक्टर अनिल को उपाधि से सम्मानित किया गया है. उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे सभी विद्यार्थियों से अपील है कि सभी समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझें. मध्य प्रदेश में पिछली यात्रा के दौरान पैसा का शुभारंभ करने का मौका मिला था, जो जनजातीय लोगों के लिए लागू किया गया है. जनजातियों की सबसे बड़ी आबादी मध्य प्रदेश में है. जनजाति गौरव दिवस मनाने की शुरुआत भी देश के अंदर मध्य प्रदेश ने की है.
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