नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण (Corona virus) के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण पड़ाव पार करते हुए गुरुवार तक भारत में कोविड रोधी टीकों (Vaccination In India) की 1 अरब से अधिक खुराक (100 Crore Vaccination) दे दी गई। हालांकि अब भारत के लिए इस गति को बनाए रखने की सख्त जरूरत है, ताकि देश कि करीब 88 फीसदी योग्य आबादी फुल वैक्सीनेट हो सके। भारत ने अगस्त में औसतन 59.29 लाख दैनिक खुराक दी, जो सितंबर में 78.69 लाख खुराक तक पहुंच गई।
हालांकि, अक्टूबर में अब तक महीने के पहले 20 दिनों में औसत दैनिक टीकाकरण 46.68 लाख खुराक तक ही रहा। अक्टूबर में दैनिक टीकाकरण में इस गिरावट के चलते गुरुवार की सुबह तक राज्यों के पास 10.85 करोड़ वैक्सीन खुराक का इस्तेमाल नहीं हो पाया था। बीते सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने टीकाकरण अभियान की प्रगति पर समीक्षा बैठक के दौरान राज्यों से टीकाकरण अभियान में तेजी लाने और गति में सुधार करने का आह्वान किया था।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार कोविड रोधी टीकाकरण अभियान शुरू होने के लगभग नौ महीने बाद 60 वर्ष से ऊपर की लगभग 20 प्रतिशत आबादी को अभी तक पहली खुराक नहीं मिली है. 60 से अधिक आयु वर्ग के लगभग 10.62 करोड़ लोगों को पहली खुराक दी गई है और 6.20 करोड़ लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है.
सेकेंड डोज कवरेज बढ़ाना राज्यों की चुनौती
राज्यों के लिए सबसे बड़ी चुनौती सेकेंड डोज कवरेज को बढ़ाना होगा. केंद्र ने सोमवार को राज्यों से कहा कि ‘योग्य लाभार्थियों की बड़ी संख्या को दूसरी खुराक नहीं मिली है’. केंद्र ने राज्यों से आग्रह किया है कि वह दूसरी खुराक लगवाने पर भी ध्यान दें. देश की अनुमानित वयस्क आबादी के 74 प्रतिशत को पहली खुराक मिली है, केवल 31 प्रतिशत को ही दोनों खुराक मिली हैं।
बड़े राज्यों में से, केवल पांच में राष्ट्रीय औसत से दूसरी खुराक का कवरेज अधिक है, जिसमें गुजरात (50%), कर्नाटक (44%), राजस्थान (36%), महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश (32%) शामिल हैं, जबकि उत्तर प्रदेश (18%), बिहार (21%), और पश्चिम बंगाल (26%) का औसत कम है।
रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि टीकाकरण अभियान के अगले चरण में राज्यों के साथ-साथ दूसरी खुराक के कवरेज को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. फुल वैक्सीनेशन वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी जरूरी है, क्योंकि भारत के रियल टाइम आंकड़ों से पता चला है कि मृत्यु दर को रोकने में टीके का असर पहली खुराक के बाद 96.6% थी और दूसरी खुराक के बाद यह बढ़कर 97.5 प्रतिशत हो गई।
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