मुरैना । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मोरेना (Morena Plane Crash) में विमान दुर्घटना हुई है. यहाँ दो लड़ाकू विमान सुखोई-30 और मिराज 2000 आपस में भीड़ गए हैं. रक्षा सूत्रों ने ये भी बताया कि दोनों विमानों ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर हवाई ठिकाने से उड़ान भरी थी और ये हादसा मुरैना के पास हुआ है। दोनों लड़ाकू विमान अभ्यास कर रहे थे जब यह हादसा हुआ है. यह पहला मौका है जब ग्वालियर से एक साथ सेना के दो विमानों ने उड़ान भरी हो. दरअसल इन विमानों के लिए कोई एयर कंट्रोल नहीं होता है इसलिए विमानों की सही दिशा पायलटों को ही तय करना होती है. ऐसे में एक समय में एक साथ दो विमानों की उड़ान नहीं होती है. दुर्घटना के कारणों की खोज की जा रही है. मुरैना के कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि जेट विमान सुबह साढ़े पांच बजे दुर्घटनाग्रस्त हुए थे, साथ ही बतया जा रहा है की दो पायलट सुरक्षित है हलाकि थोड़ी चोट लगी है.
मध्य प्रदेश के मोरेना में विमान दुर्घटना हुई है. यहाँ दो लड़ाकू विमान सुखोई-30 और मिराज 2000 आपस में भीड़ गए हैं.#Morena #planecrash #Sukhoi30 #Mirage2000 #IndianAirforce #MadhyaPradeshNews pic.twitter.com/55Js77b6Xt
— Agniban (@DAgniban) January 28, 2023
मिराज 2000 (Mirage 2000) फाइटर जेट्स को उड़ाने के लिए सिर्फ एक पायलट की जरूरत होती है. इस जेट की लंबाई 47.1 फीट होती है. विंगस्पैन 29.11 फीट होती है. ऊंचाई 17.1 फीट होती है. हथियारों और ईंधन के साथ इसका वजन 13,800 किलोग्राम हो जाता है. वैसे यह 7500 किलोग्राम वजन का है. आपको याद दिलवा दे 26 फरवरी 2019 को 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने ही पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद की आतंकी ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त किया था.
वहीं दूसरी ओर सुखोई 30 (IAF Sukhoi Su-30MKI) की बात करें तो इसकी लंबाई 72 फीट है. विंगस्पैन 48.3 फीट है. ऊंचाई 20.10 फीट है. इसका वजन 18,400 KG है. इसमें लीयुल्का एल-31एफपी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं, जो उसे 123 किलोन्यूटन की ताकत देता है. फाइटर जेट 2120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ता है. इसकी रेंज भी 3000 किलोमीटर है. बीच रास्ते में ईंधन मिल जाए तो यह 8000 किलोमीटर तक जा सकता है. यह करीब 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
वायुसेना की अरबों की क्षति
वायुसेना के सुखोई और मिराज विमान वायु की गति से उड़ान भरते हैं। इन दोनों के दुर्घटनाग्रस्त होने से वायुसेना को अरबों की क्षति हुई है। इनमें मिराज विमान की कीमत 133 करोड़ रुपए तो सुखोई विमान की कीमत लगभग इतनी ही बताई जाती है। दोनों विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ ही आज सेना को अपना एक हेलिकाप्टर भी गंवाना पड़ा।
एक में तकनीकी खराबी आई दूसरे से जा भिड़ा
सेना के झोन के कमांडर एस. जैसवाल ने बताया कि इस बात की संभावना है कि एक समय उड़ान भरने के बाद एक विमान में तकनीकी खराबी आई और वह दूसरे विमान से जा भिड़ा हालांकि सही जानकारी ब्लैक बाक्स मिलने पर ही मिलेगी।
साथ ही राजस्थान (Rajasthan Plane Crash) के भरतपुर में एक एक चार्टर्ड हेलिकॉप्ट्रर क्रैश हुआ है। बताया जा रहा है कि तकनीकी खराबी के चलते यह हादसा हुआ है। पुलिस और प्रशासन को मौके पर भेजा गया है।
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