इंफाल। मणिपुर में हिंसा अभी जारी है। मोरेह के एक उपसंभागीय पुलिस अधिकारी की हत्या में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों को विशेष कमांडो टीम ने सोमवार शाम को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि मोरेह कॉलेज के पास गश्त के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को देखा, जिन्होंने सुरक्षाकर्मियों के वाहनों पर गोलियां चलाईं और मकानों में जाकर छिप गए। सुरक्षा बलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और मोरेह कॉलेज के पास घरों को घेर लिया।
बाद में, दोनों व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया गया। उनके कब्जे से एक आग्नेयास्त्र और गोला-बारूद जब्त होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, महिलाओं के एक समूह ने मोरेह पुलिस थाने के सामने प्रदर्शन किया। इन लोगों ने दोनों व्यक्तियों की रिहाई की मांग की।
यह है मामला
31 अक्तूबर की सुबह मोरेह के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद कुमार की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह हेलीकॉप्टर लैंडिंग के लिए पूर्वी मैदान पर तैयारियों की देखरेख कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए लोग आनंद की हत्या के मामले में ‘मुख्य संदिग्धों’ में शामिल हैं।
जातीय हिंसा से दहल रहा है मणिपुर
गौरतलब है कि मणिपुर पिछले साल मई से जातीय हिंसा से दहल रहा है और 180 से अधिक लोग मारे गए हैं। मेइतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी।
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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