नई दिल्ली(New Delhi) । दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर (Old Rajendra Nagar, Delhi)स्थित राव आईएएस एकेडमी (IAS Academy)में शनिवार रात दिल दहलाने वाला हादसा(Accident) हुआ। बारिश का पानी बेसमेंट (rain water basement)में भरने से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे दो छात्राओं और एक छात्र की मौत हो गई। एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीम द्वारा कई घंटों तक चलाए गए बचाव कार्य के बाद तीनों के शव बरामद किए जा सके। पुलिस अफसरों के मुताबिक, शनिवार शाम को हुई तेज बारिश में पानी अचानक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में घुस गया। पानी का बहाव इतनी तेज था कि कई छात्रों को बचने का मौका ही नहीं मिला।
गंदे पानी की वजह से कुछ नजर नहीं आ रहा था
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जान बचाकर प्रत्यक्षदर्शी छात्र ने बताया कि पानी का बहाव इतना तेज था कि हम सीढ़ियां नहीं चढ़ पा रहे थे। 2-3 मिनट के अंदर पूरे बेसमेंट में 10-12 फुट पानी भर गया। वहां से निकालने के लिए रस्सियां फेंकी गई थीं, लेकिन पानी इतना गंदा था कि अंदर कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। एक-एक कर बच्चे निकाले जा रहे थे।
छात्र ने बताया कि पिछले सप्ताह भी यहां जलभराव हो गया था। जलजमाव का आलम तो ये है कि कई बार हमारी क्लासें कैंसिल कर दी जाती हैं, 2 से ढाई घंटे तक पानी भरा रहता है। पिछली बार हम जब क्लास ले रहे थे तो सुबह करीब 10 बजे हमें बेसमेंट में नहीं जाने दिया गया था, कई स्टूडेंट्स की कारें तैर रही थीं।
8-10 लोगों की मौत का दावा
कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने और तीन छात्रों की जान जाने के बाद शनिवार रात एमसीडी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने यह दावा किया कि आपदा प्रबंधन के लोगों ने उसे बताया है कि 8-10 लोग मारे गए हैं।
छात्र ने कहा, “एमसीडी का कहना है कि यह आपदा है, लेकिन मैं कहूंगा कि यह पूरी तरह से लापरवाही है। आधे घंटे की बारिश में घुटनों तक पानी भर जाता है। आपदा कभी-कभी होती है। मेरे मकान मालिक ने बताया कि वह पिछले 10-12 दिनों से पार्षद से कह रहा था कि नाले की सफाई होनी चाहिए… पहली मांग यह है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। तत्काल मांग यह है कि घायलों और मौतों की वास्तविक संख्या बताई जाए… आपदा प्रबंधन के लोगों ने मुझे बताया कि 8-10 लोग मारे गए हैं।”
अत्यधिक वेग होने से फंसे
वहीं, पुलिस अधिकारी ने बताया कि पानी के बेसमेंट में आने की रफ्तार बहुत तेज थी, इसलिए बहुत तेजी से बेसमेंट में पानी भरने लगा और छात्रों को भागने की जगह नहीं मिली। जो छात्र कोने में रह गए वे बाहर निकलने में सफल नहीं हो पाए।
अंधेरा होने से बचाव कार्य में आई दिक्कत : कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के बाद इलाके की बिजली काट दी गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि करंट फैलने से जान जाने का खतरा था, इसलिए ऐसा किया गया। वहीं, बेसमेंट में घना अंधेरा होने और बेहद गंदा पानी होने की वजह से दिखाई नहीं दे रहा था। एनडीआरएफ के गोताखोरों ने छात्रों को बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
शवों की पहचान के लिए कोशिश जारी : वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शवों की पहचान नहीं हो सकी है। शवों को पुलिस ने अस्पताल के मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया है। उन्होंने बताया कि राजेंद्र नगर में अधिकांश छात्र दिल्ली के बाहर से आकर तैयारी करते हैं।
घटनास्थल तक जाने से रोका, छात्रों में रोष
राजेंद्र नगर में हुई घटना से छात्रों में रोष है। घटना के तुरंत बाद बड़ी संख्या में छात्र मौके पर पहुंचे। छात्रों के बढ़ते गुस्से को देखते हुए पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी। छात्र बेसमेंट से बाहर निकलने वाले छात्रों से मिलना चाहते थे। साथ ही घटना की वजह के बारे में पुलिस से बार-बार पूछ रहे थे, लेकिन उनके किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया जा रहा था। पुलिस ने उन्हें घटनास्थल पर जाने से भी रोक दिया। इसके बाद छात्रों ने रोष व्यक्त किया। छात्र प्रशांत शुक्ला का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि पानी कैसे आया। पुलिस हम लोगों को आगे नहीं जाने दे रही है, लेकिन यहां कुछ छात्र बता रहे हैं कि मकान के अंदर एक निजी लाइब्रेरी बनी थी। उसमें कुछ छात्र भी पढ़ रहे थे। यहां किस विषय की कक्षा चल रही थी या छात्र केवल लाइब्रेरी में पढ़ने आए थे यह नहीं पता है।
अंदेशा प्राथमिक जांच में ड्रेनेज फटने की संभावना
राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद मौके पर पहुंची मेयर शैली ओबराय ने ड्रेनेज फटने से हादसा होने की संभावना जताई है। उन्होंने कहा है कि तेज आवाज के साथ अचानक बेसमेंट में पानी भरा है, इसलिए यह ड्रेनेज या सीवर के फटने का मामला लगता है। छानबीन चल रही है। यह राजनीति करने का समय नहीं है। अगर इस हादसे के लिए निगम का कोई अधिकारी जिम्मेदार होगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शाम को दिल्ली में बेहद तेज बारिश हुई थी। इसलिए ऐसा लग रहा है कि पानी तेजी से कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में घुसा होगा। हर एंगल से जांच की जा रही है।
पिछले सप्ताह भी करंट लगने से मौत हुई थी मौत
इससे पहले सोमवार दोपहर को वेस्ट पटेल नगर इलाके में बारिश के दौरान करंट लगने से नीलेश नाम के छात्र की मौत हो गई थी। नीलेश भी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था और इस साल मुख्य परीक्षा में शामिल होना था। नीलेश ने जलजमाव से बचने के लिए लोहे के गेट को पकड़ लिया था। उसमें पहले से करंट प्रवाहित था। इसकी वजह से उसकी मौत हो गई थी।
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