इंदौर।अप्रैल-मई में कोरोना संक्रमण के चलते बिजली कंपनी इस बार अपना प्री-मानसून मेंटेनेंस समय पर नहीं कर पाई है। अब आसमान में बादल और बारिश की तैयारी चल रही है। उधर कंपनी बिजली लाइनों पर लटकते पेड़ों की छंटाई में लगी हुई है। बिना बताए हो रहे इस मेंटेनेंस के कारण कई कॉलोनियों में लोगों को असमय बत्ती गुल का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली कंपनी का बिना बताए मेंटेनेंस करना लोगों को परेशान कर रहा है। एक तरफ तो उमस और गर्मी के कारण लोग बेचैन हैं, वहीं अलग-अलग क्षेत्रों में असमय बत्ती गुल हो रही है। बिजली कंपनी का कहना है कि खतरनाक पेड़ और उनकी टहनियों को छांटने का काम जारी है। दरअसल उपभोक्ता इसलिए परेशान हैं कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से कंपनी की निविदा विज्ञप्ति से शटडाउन की जानकारी नहीं मिल पा रही है। कंपनी के अधिकारी सिर्फ वॉट््सऐप पर ही सप्लाय बंद होने की जानकारी दे रहे हैं, जो कि बहुत ही सूक्ष्म रूप से बने हुए हैं। बड़े स्तर पर उपभोक्ता यही तलाश करते रहते हैं कि आखिर दो से तीन घंटे बत्ती गुल क्यों हो रही है। बिजली कंपनी के शहर अधीक्षण यंत्री कामेश श्रीवास्तव ने बताया कि अभी डेढ़ से दो सप्ताह पेड़ों की छंटाई का काम और चलेगा। झोन से बिजली उपभोक्ताओं को इसके लिए जानकारी भी दी जा रही है। इन्दौर जैसे बड़े शहर में पहले ही बिजली कंपनी के पास सीमित अमला है और तकरीबन ढाई दर्जन वॉट््सऐप ग्रुप से कैसे शहरभर के उपभोक्ताओं तक सूचना पहुंचेगी।
इधर बारिश की तैयारी, उधर पेड़ों की छंटाई
दरअसल बिजली कंपनी दोहरी परेशानी से गुजर रही है। एक तरफ तो मानसून की छुटपुट और तेज बारिश से बत्ती गुल होने का खतरा हमेशा बना हुआ है तो तार और पेड़ों की टहनियां बिजली लाइनों पर झूल रही हैं। यानी इधर बारिश की तैयारी और उधर पेड़ों की छंटाई दोनों ही काम साथ-साथ चल रहे हैं। जैसे-जैसे समय मिलता है, उस अनुसार सप्लाय बंद कर मेंटेनेंस का काम किया जा रहा है। जो काम दो महीने में होना था, उसे बीस दिन में करने की चुनौती बिजली कंपनी के सामने है। हालांकि बेहतर तालमेल से उपभोक्ताओं की नाराजगी खत्म की जा सकती है, लेकिन इस पर कंपनी की ओर से सकारात्मक प्रयास की आवश्यकता है। उपभोक्ता चाहते हैं कि उन्हें मेंटेनेंस के समय बत्ती गुल होने की सूचना समय पर मिल जाए, ताकि उस अनुसार जरूरी कामकाज कर सकें। इससे उपभोक्ता परेशान भी नहीं होंगे और कंपनी आराम से बिजली मेंटेनेंस भी कर सकेगी। अब इसको लेकर कंपनी की ओर से गंभीरता दिखाना चाहिए।
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