प्रयागराज (Prayagraj) । प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद (ateek Ahmed) और उसके भाई अशरफ (ashraf) की हत्या करने वाला मुख्य आरोपी सनी सिंह (Sunny Singh) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुंदर भाटी (Sunder Bhati) का गुर्गा बताया जा रहा है. सुंदर भाटी वर्तमान में सोनभद्र जेल में बंद है. आशंका जताई जा रही है कि अतीक और अशरफ की हत्या जिस जिगाना पिस्टल से हुई, वह सुंदर भाटी के नेटवर्क से ही सनी को दी गई थी. जानते हैं कि आखिर कौन है ये सुंदर भाटी. उसका अतीक और अशरफ की हत्या से क्या है कनेक्शन?
सुंदर भाटी पर 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज
पश्चिम उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुंदर भाटी पर हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, लूट, मारपीट के 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. भाटी को बीते साल ही हरेंद्र प्रधान की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. वर्तमान में वह सोनभद्र जेल में बंद है, लेकिन लगभग डेढ साल पहले सुंदर हमीरपुर जेल में बंद था. इसी हमीरपुर जेल में सनी सिंह लूट की वारदात को अंजाम देने के चलते बंद था. इसी जेल में सनी की दबंगई को देखकर गैंगस्टर भाटी उसे अपने करीब लाया और धीरे-धीरे सनी उसका चेला बन गया.
भाटी गैंग के पास AK-47 समेत कई खतरनाक हथियार
कुछ समय बाद सुंदर भाटी को हमीरपुर से सोनभद्र जेल में बंद कर दिया गया और सनी भी जेल से छूट कर बाहर आ गया. इसके बाद वह भाटी के गुर्गों के संपर्क में रहने लगा. सुंदर के गैंग के पास AK-47 समेत कई खतरनाक हथियार हैं. उसका संपर्क पंजाब के कई असलहा तस्करों और गैंगस्टर से भी रहा है. माना जा रहा है कि अतीक और अशरफ के हत्यारोपी सनी सिंह को जो विदेशी जिगाना पिस्टल और दूसरे शूटर्स को जो पिस्टल मिली, तो वह सुंदर भाटी के नेटवर्क से ही पहुंचाई गई थी.
सनी के पास इतनी महंगी पिस्टल कहां से आई?
सनी सिंह से बरामद जिगाना पिस्टल का भाटी गैंग से कोई कनेक्शन है, फिलहाल इस पर आधिकारिक तौर पर पुलिस कोई बयान नहीं दे रही है, लेकिन अंदरखाने जांच जरूर हो रही है कि आखिर सनी सिंह और लवलेश तिवारी जैसे मामूली बैकग्राउंड के अपराधियों के पास तुर्किए की लाखों की कीमत वाली पिस्टल कैसे पहुंची? वहीं, नाम ना छापने की शर्त पर पुलिस के एक बड़े अफसर ने कहा कि उनके संज्ञान में सुंदर भाटी और अतीक अहमद के बीच अदावत की कोई वजह अब तक नहीं मिली है.
ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सुंदर भाटी की कहानी…
एक जमाने में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जरायम की दुनिया का सबसे खतरनाक नाम सुंदर भाटी था. यूपी पुलिस से लेकर दिल्ली और हरियाणा पुलिस के लिए वह चुनौती था. ग्रेटर नोएडा के गंगोला का रहने वाला सुंदर भाटी कभी गाजियाबाद के लोनी इलाके के गैंगस्टर सतवीर गुर्जर का खास हुआ करता था. सतवीर की दोस्ती ग्रेटर नोएडा के रिठोरी गांव के रहने वाले नरेश भाटी से थी. नरेश गांव में परिवार वालों की हत्या का बदला लेने के लिए सतवीर के संपर्क में आया. यहीं नरेश और सुंदर के बीच दोस्ती शुरू हो गई. दोनों के बीच की दोस्ती यूपी-दिल्ली-हरियाणा के गैंगस्टर्स में भी मशहूर थी. इसी दोस्ती की वजह से नरेश भाटी के परिवार वालों की मौत का बदला सुंदर ने लिया.
भाटी की नरेश से दोस्ती अदावत में कैसे बदली?
सुंदर और नरेश की दोस्ती में जल्द ही दरार भी पड़ गई. वजह थी एक ट्रक यूनियन पर कब्जा करने की चाहत. इसके चलते दोनों के बीच अदावत का दौर शुरू हो गया. दरअसल सुंदर एक ट्रक यूनियन पर कब्जा करना चाहता था. वहीं, नरेश भी इसी पर कब्जे की फिराक में था. नरेश ट्रक यूनियन की राजनीति से मुख्य राजनीति में जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का सपना देख रहा था, लेकिन उसके सपने में सुंदर सबसे बड़ा रोड़ा बन गया और यहीं से दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई. गैंगवार शुरू हुआ तो ट्रक यूनियन के अध्यक्षों की हत्या कर दी गई.
जब सुंदर ने नरेश को गोलियों से भून डाला
2003 में नरेश भाटी जिला पंचायत अध्यक्ष बना तो वह माननीय होकर लाल बत्ती में घूमता. यह बात सुंदर को ज्यादा परेशान करने लगी और उसने 2003 में नरेश पर हमला बोल दिया. इस हमले में नरेश का गनर और ड्राइवर मारे गए, लेकिन सुंदर ने एक साल के अंदर दूसरा हमला किया. मार्च 2004 में नरेश शादी समारोह से लौट रहा था, तभी सुंदर ने उसे गोलियों से भून दिया. नरेश भाटी के साथ उसके दो अन्य साथी भी मारे गए. नरेश की मौत के बाद गैंग की कमान उसके छोटे भाई रामपाल भाटी ने संभाली. लेकिन उसका भी 2006 में पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया. रामपाल के बाद गैंग की कमान सबसे छोटे भाई रणदीप और उसके भांजे अमित कसाना ने संभाली, लेकिन रणदीप को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
नोएडा से गिरफ्तार हुआ था गैंगस्टर सुंदर
मामा के मर्डर की आग में झुलस रहे भांजे अमित ने 18 नवंबर 2011 को गाजियाबाद के एक बैंक्वेट हॉल में सुंदर भाटी पर उस वक्त हमला किया, जब वह अपने साले की शादी में शामिल होने आया था. अमित कसाना गैंग के इस हमले में सुंदर तो बच गया, लेकिन 3 अन्य लोग मारे गए. लंबे समय से फरार चल रहे सुंदर भाटी को आखिर यूपी पुलिस ने साल 2014 में नोएडा से गिरफ्तार कर लिया. तभी से वह यूपी की जेलों में बंद है. 6 अप्रैल 2021 को सुंदर को एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. वर्तमान में वह सोनभद्र जेल में बंद है.
कब हुई अतीक-अशरफ की हत्या?
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को पुलिस घेरे में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. वारदात को तीन युवकों ने अंजाम दिया, जो पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगीं. ये बात अतीक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई है.
किसने किया माफिया अतीक का मर्डर ?
अतीक और अशरफ को जब पुलिस कस्टडी में प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था, इसी दौरान तीन आरोपियों अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने उन पर तड़ातड़ गोलियां बरसा दीं. हत्याकांड के बाद तीनों हमलावरों को सरेंडर के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. अतीक हत्याकांड में शामिल सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है.
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