भोपाल। प्रदेश को देश-दुनिया में पहचान दिलाने के मकसद से तैयार की गई महुए की हेरिटेज शराब को मप्र पर्यटन विकास निगम की होटल में फीडबैक के लिए पहुंचा दिया गया है। प्रदेश के दो रीजन की पांच होटलों में पहुंचाई गई इस शराब को लेकर फीडबैक भी लिए जा रहे हैं। मप्र पर्यटन विकास निगम की होटल में 15 दिन पहले ही टेस्टिंग के लिए इसे रखवाया गया है। इस हेरिटेज शराब को ‘मोंडÓ नाम दिया गया है। प्रदेश सरकार ने महुए से बनने वाली इस हेरिटेज शराब के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत आलीराजपुर और डिंडोरी जिले का चयन किया था। सबसे पहले आलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया। जिला प्रशासन के निर्देशन में लंबे समय से इस पर काम किया जा रहा था। टेस्टिंग के बाद पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में इसे पर्यटन विकास निगम के होटल में पहुंचाया गया। प्रदेश के 6 रीजन में से फिलहाल इसे इंदौर रीजन के मांडू और भोपाल रीजन की चार जगह पर इसे रखवाया गया है, जहां आने वाले मेहमानों को उनकी मांग पर इसे टेस्ट करवाया जा रहा है और उनसे इसे लेकर फीडबैक भी लिए जा रहे हैं। फीडबैक के लिए फिलहाल 180 एमएल की पेकिंग में हेरिटज शराब को रखवाया गया है। हालांकि, आने वाले समय में ये 90 एमएल और 750 एमएल की पैकिंग में भी उपलब्ध होगी। क_ीवाड़ा में हेरिटेज शराब निर्माण के लिए तैयार यूनिट का संचालन स्व सहायता समूह कर रहा है। समूह में काम करने वाली टीम के सदस्य को इसके लिए पुणे के वसंतदादा शुगर इंस्टिट्यूट से ट्रेनिंग भी दिलवाई जा चुकी है। इसी इंस्टिट्यूट में शराब की गुणवत्ता की जांच भी हुई है।
कई बिंदुओं पर भरवा रहे फीडबैक फॉर्म
पर्यटन विकास निगम की होटल में शराब को टेस्ट करवाने के बाद कई बिंदुओं पर फीडबैक फॉर्म भरवाया जा रहा है। अब तक मिले फीडबैक में हेरिटेज शराब को अच्छा प्रतिसाद मिला है। वहीं, कुछ लोगों ने इसे खरीदने की इच्छा भी जाहिर की है। रेंटिंग के लिहाज से भी शराब को किसी ने 3 स्टार से नीचे रेटिंग नहीं दी है। इसके स्वाद से लेकर महक तक को लेकर फॉर्म में पूछा जा रहा है। इंदौर रीजन के मांडू में मालवा रिसोर्ट में इसे रखवाया गया है, तो भोपाल रीजन के पलाश रेसीडेंसी, विंड एंड वेव्स, लेक व्यू रेसीडेंसी और कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में इसे रखा गया है।
लंबा समय लग गया शराब तैयार करने में
महुए की ये शराब क्षेत्र में आदिवासी समाज घरों में सीमित संसाधन में ही तैयार कर देता है। उसी शराब को बनाने में प्रशासन को महीनों का वक्त लग गया। महीनों की तैयारी, विशेष प्रशिक्षण और लाखों के खर्च के बाद भी दो बार इसे टेस्टिंग के लिए भेजा, तो हेरिटेज शराब का वो क्वालिटी टेस्ट नहीं आ पाया था। इसे तैयार करने के बाद लोकल स्तर पर टेस्टिंग प्रोसेस में कई लोगों ने महुए की स्मेल की शिकायत की थी, तो कई ने पारंपरिक स्वाद ना होने की। अब पर्यटन विकास निगम की होटल से मिले फीडबैक का भी इंतजार किया जा रहा है। हालांकि, मामले में अधिकारियों का कहना है कि जब भी कोई नया प्रोडक्ट तैयार होता है, तो उसमें समय लगता है। चूंकि, ये एक महत्वाकांक्षी योजना है और सरकार का पायलट प्रोजक्ट भी, इसलिए वक्त लिया जा रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved