नई दिल्ली: पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप झेल रहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं। संसद का शीतकालीन सत्र जारी और सूत्रों की मानें तो एथिक्स कमेटी महुआ के खिलाफ जांच रिपोर्ट को लोकसभी में पेश कर सकती है। बीते कई दिनों से कयास लगाए जा रहे हैं कि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता भी जा सकती है।
सोमवार को शीतकालीन सत्र के शुरू होने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि किसी भी वक्त महुआ के खिलाफ एथिक्स कमेटी लोकसभा में रिपोर्ट पेश कर सकती है। हालांकि, सोमवार को संसद में विपक्ष ने हंगामा किया था, जिसकी वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, अब कहा जा रहा है कि शुक्रवार को ये रिपोर्ट पेश हो सकती है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का कहना है, ‘मुझे नहीं पता कि वे इसे रखेंगे या नहीं।’
दूसरी ओर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई सूत्रों ने कहा है कि हमने लोकपाल के आदेश पर जांच शुरू की है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी जानकारी दी थी कि लोकपाल ने 8 नवंबर को, “राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के लिए आरोपी महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया गया है।”
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी शिकायत में मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। दुबे ने कहा कि आरोप सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के पत्र पर आधारित थे जो उन्हें मिला था, जिसमें मोइत्रा और व्यवसायी के बीच “रिश्वत के लेन-देन के कई सबूत मौजूद हैं।
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