नई दिल्ली: लोकसभा में कैश और गिफ्ट (cash and gifts) के बदले कथित रूप से सवाल पूछने के मामले में निलंबित हुईं टीएमसी की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने सीबीआई की रेड को गैरकानूनी (illegal) बताते हुए कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की है कि सीबीआई ने गैरकानूनी रूप से उनके चार ठिकानों पर रेड मारी है. यह उन्हें परेशान करने और उनके चुनाव प्रचार में बाधा देने के लिए यह किया गया है. उन्होंने चुनाव आयोग ने कार्रवाई करने और उचित दिशानिर्देश जारी करने की अपील की है.
बता दें कि सीबीआई ने एफआईआर के बाद रविवार को अलीपुर सहित महुआ मोइत्रा के संसदीय क्षेत्र कृष्णानगर के चार ठिकानों पर रेड मारी थी. इसके पहले सीबीआई ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. महुआ मोइत्रा ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को एक पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में सीबीआई की रेड को अनैतिक और अनुपातहीन कृत्य करार देते हुए कहा कि सीबीआई जांच का उद्देश्य उनके लोकसभा चुनाव अभियान को “परेशान करना और गला घोंटना” था. महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान “केंद्रीय जांच एजेंसियों” की गतिविधियों को विनियमित करने के लिए तुरंत दिशानिर्देश जारी करें.
कृष्णानगर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार मोइत्रा ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा जांच के संचालन के संबंध में “दिशानिर्देश तत्काल जारी करने की आवश्यकता” है. यह चिट्ठी कथित तौर पर पूछताछ के बदले नकद मामले के संबंध में पूर्व सांसद के परिसरों पर कई स्थानों पर सीबीआई टीमों द्वारा तलाशी लेने के एक दिन बाद आई है.
महुआ मोइत्रा ने लिखा, “मेरी उम्मीदवारी के बारे में जानने के बावजूद सीबीआई ने जानबूझकर मेरी चार अलग-अलग संपत्तियों पर लगातार चार छापे मारने का फैसला किया है. यह मेरी अभियान प्रक्रिया में बाधा डालने और मेरे बारे में नकारात्मक धारणा बनाने के एकमात्र इरादे से किया गया था, जबकि छापेमारी के दौरान सीबीआई को कुछ भी हाथ नहीं लगा और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था.”
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