इंदौर। प्रदेश शासन ने अपनी आबकारी नीति में महुआ हेरिटेज शराब बनाने की अनुमति दी है, जिसके चलते दो प्लांटों में इस शराब का उत्पादन भी शुरू हो गया है और जल्द ही इंदौर सहित प्रदेशभर की दुकानों पर इसकी बिक्री शुरू होगी। 750 एमएल की बोतल लगभग एक हजार रुपए कीमत की होगी। इसे प्रीमियम स्टेट प्रोडक्ट के रूप में बेचा जाएगा। शासन ने इन दोनों प्लांटों को पर्यावरण मंजूरी की अनिवार्यता से भी मुक्त कर दिया। दरअसल आदिवासी समुदाय को लुभाने के लिए ये निर्णय लिया गया।
मध्यप्रदेश के दो जिले अलीराजपुर के ग्राम कोछा ब्लॉक कट्ठीवाड़ा और डिंडौरी के भाखामाल ब्लॉक अमरपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दो प्लांट महुआ हेरिटेज शराब बनाने के लिए मंजूर किए हैं। अब आबकारी विभाग इस हेरिटेज शराब को जल्द ही बाजार में लॉन्च करने की तैयारी में जुटा है। शराब दुकानों पर तो इसकी बोतल मिलेगी, वहीं संभव है कि जिस तरह मध्यप्रदेश में बनी वाइन के लिए अलग से काउंटर खोलने की अनुमति दी गई है, उसी तरह की अनुमति महुआ शराब की बिक्री के लिए भी दी जाए।
शासन इस पर इतना मेहरबान है कि जो दो प्लांट मंजूर किए गए हैं, उनमें प्रदूषित सामग्री या प्रदूषण से संबंधित गतिविधि रोकने के लिए सिर्फ निवारण संयंत्र लगाने के लिए कहा है। मगर इसके लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कोई एनओसी नहीं लेना पड़ेगी। एक बोतल की कीमत लगभग 800 से हजार रुपए के बीच रखी जा सकती है और शराब बनाने के बाद जो उसका वेस्ट निकलेगा, उससे केटलफिड यानी भूसा बनेगा। प्रदेश में महुआ के 30 लाख पेड़ हैं और हर साल वन विभाग साढ़े 4 लाख महुआ पौधों का रोपण भी करता है। गत वर्ष ही साढ़े 32 हजार क्विंटल महुआ फूल की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई। अभी जो दो प्लांट लगे हैं उनमें सिर्फ एक प्रतिशत ही महुआ पौधों की खपत होगी। यानी प्रदेश में भरपूर महुआ उपलब्ध है, जो विदेशों में भी निर्यात किया जा रहा है।
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