चंडीगढ़ । कांग्रेस नेत्री नंदिता हुडा (Congress leader Nandita Hooda) ने कहा कि महिला कांग्रेस (Mahila Congress) द्वारा 29 जुलाई को दिल्ली में (In Delhi on 29th July) विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा (Will hold Huge Protest) ।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती अलका लांबा की अध्यक्षता में, महिला आरक्षण बिल को तुरंत लागू करने की मांग को लेकर, महंगाई कम करने और महिला सुरक्षा की मांग को लेकर 29 जुलाई को दिल्ली में विशाल शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इस धरने में सभी राज्यों से महिलाएं आकर अपनी आवाज़ संसद तक पहुँचाने का प्रयास करेंगी। न्याय की प्राप्ति तक महिलाओं का यह संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।
पिछले कुछ सालों में महिला अपराधों में निरंतर वृद्धि हुई है। हाल ही में मध्य प्रदेश के रीवा में दो बहनों को दबंगों द्वारा जमीन में जिंदा गाड़ने की कोशिश की घटना ने सभी को झकझोर दिया। मणिपुर, हाथरस, कठुआ, और अंकिता भंडारी के केसों में भी अपराध की हर सीमा को पार किया गया है। बिलकिस बानो के अपराधियों का जेल से छूटने पर फूल मालाओं से स्वागत करना भी समाज के लिए एक शर्मनाक घटना रही है।
देश के लिए गौरव लाने वाली पहलवान बेटियों तक को सड़क पर घसीटने का काम इस सरकार के कार्यकाल में हुआ है, और यह भी देखने में आया है कि अपराधी खुद को संरक्षित महसूस करते हैं जैसे उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। सरकार से यह भी अपील की जाएगी कि महिला अपराध में शामिल लोगों को सुरक्षा देना बंद करें।
इस बजट में सरकार ने लगभग सभी वर्गों को केवल दिखावटी राहत दी है। महंगाई के चलते महिलाओं के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है। अतः हमारी अपील है कि सरकार बढ़ती महंगाई से राहत दे और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कांग्रेस के मेनिफेस्टो से “महालक्ष्मी योजना” को अपनाए, जिसके तहत गरीब परिवार की बड़ी महिला के खाते में 8500 रुपये प्रति महीने भेजे जाने का प्रावधान हो।
महिला आरक्षण बिल को पहली बार 1996 में पटल पर रखा गया और इसे कई बार गिराया गया। 2010 में इसे राज्यसभा में पास किया गया, लेकिन सरकार इसे लोकसभा में पास करके तुरंत प्रभाव से लागू कर सकती थी। अब, जब यह बिल दोनों सदनों में पास हो चुका है, इसे कब लागू किया जाएगा इसका कोई पता नहीं है। हमारी मांग है कि इसे तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य सरकारों में महिलाओं की भागीदारी 33% सुनिश्चित हो सके।
राजनीतिक भागीदारी ही एक ऐसा जरिया है जिससे महिलाओं को राष्ट्र की मुख्य धारा में जोड़ा जा सकता है। 1947 में आजादी के बाद पहली लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 4.4% था और अब 2024 में यह 14.3% तक पहुंचा है। महिला सशक्तिकरण के लिए सबसे बड़ा कदम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी द्वारा पंचायतों में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का रहा है। आज कुछ राज्यों में पंचायतों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50% तक है।
भारत की महिलाएं सजग नागरिक के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। आत्मविश्वास से भरपूर सभी महिलाएं गरिमापूर्ण जीवन यापन कर सकेंगी जब उनकी भागीदारी वहां सुनिश्चित होगी जहां उनके लिए नियम और कानून बनाए जाते हैं और उन्हें लागू करने में भी उनकी बराबर की हिस्सेदारी होगी। अपने हक और स्वाभिमान की लड़ाई न्याय मिलने तक सड़क से संसद तक जारी रहेगी।
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