• img-fluid

    नामांकन दाखिल करने दो बोरियों में 10 हजार के सिक्के लेकर पहुंचे महेंद्रभाई पाटनी

  • November 19, 2022


    अहमदाबाद । महेंद्रभाई पाटनी (Mahendrabhai Patni) गुजरात की गांधीनगर उत्तरी सीट से (From Gandhinagar North Seat of Gujarat) निर्दलीय के रूप में (As An Independent) अपना नामांकन दाखिल करने (For Filing Nomination) चुनाव आयोग कार्यालय में (In Election Commission Office) दो बोरियों में 10 हजार के सिक्के लेकर (With 10 Thousand Coins in Two Sacks) पहुंचे (Arrived) । महेंद्रभाई पाटनी गांधीनगर में रहते हैं, लेकिन वहां की हालत से नाखुश हैं।


    35 साल के महेंद्रभाई पाटनी ने सिक्के जमा करने की वजह पूछे जाने पर कहा,“मैं स्थायी रोजगार से वंचित एक मजदूर हूं। हमारे पास न घर है, न पीने का पानी और न ही बिजली है। मेरे पड़ोसी मेरा समर्थन करने के लिए राजी हो गए, क्योंकि मेरे पास नोमिनेशन की डिपॉजिट फाइल करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। इसलिए मुझे वोट देने का वादा करने वाले लोगों से मैंने लगातार तीन दिनों तक मांगकर ये सिक्के जमा किए।”

    महेंद्रभाई पाटनी के हलफनामे में संपत्ति के सामने शून्य दर्ज है। नामांकन के लिए दिए हलफनामे में कोई बैंक खाता विवरण नहीं है। महेंद्रभाई पाटनी ने कहा, ‘मैंने 14 नवंबर को ही बैंक ऑफ बड़ौदा में जीरो बैलेंस बैंक खाता खोला था। क्योंकि चुनाव के लिए यह जरूरी था। गांधीनगर उत्तर विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने वाले 28 उम्मीदवारों में महेंद्रभाई पाटनी भी शामिल हैं। इसी सीट पर दूसरे चरण में मतदान होने वाला है। गुजरात में पांच दिसंबर को दूसरे चरण का मतदान होने वाला है।

    महेंद्रभाई पाटनी ने कहा कि उनका घर उन 521 झोपड़ियों में से एक था, जिन्हें सरकार ने गांधीनगर रेलवे स्टेशन को नया रूप देने और एक पांच सितारा होटल लीला बनाने लिए ध्वस्त कर दिया था। पाटनी ने कहा, “हम बिना किसी बुनियादी सुविधाओं के झुग्गियों में रह रहे हैं।” पाटनी ने दावा किया कि राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। उनका परिवार अब होटल के सुरक्षा केबिन के सामने वाली सड़क के पार स्थित गोकुलपुरा वसाहाट में रहता है।

    गुजरात के पाटन जिले स्थित अपने पैतृक गांव में सातवीं कक्षा तक पढ़ने के बाद महेंद्रभाई पाटनी साल 1999 में राजधानी गांधीनगर चले आए थे। पाटनी ने कहा, “जहां आज नमक का टीला (दांडी कुटीर) है, शुरुआत में हम उन झुग्गियों में ही रहते थे। इसके बाद हम 2010 में गांधीनगर रेलवे स्टेशन के पिछले हिस्से में चले गए।’ पाटनी अपने माता-पिता, पत्नी और दो बेटियों के साथ कच्चे घर में रहते हैं। उनके पास कुछ घरेलू सामान, 12 वोल्ट की बैटरी और एक एलईडी बल्ब है। पाटनी गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) कार्ड धारक हैं। अगस्त 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में इस श्रेणी के 31.56 लाख परिवार रहते हैं।

    गुजरात विधानसभा चुनाव में महेंद्रभाई पाटनी अकेले उम्मीदवार नहीं हैं जिन्होंने एक रुपये के सिक्के से नामांकन दाखिल किया है। वड़ोदरा की सयालीगंज सीट से आम आदमी पार्टी के एक उम्मीदवार स्वेजल व्यास भी अपना नामांकन दाखिल करने के लिए सिक्कों से भरी बोरी लेकर पहुंचे थे। पेशे से वेडिंग प्लानर व्यास ने कहा था, “जब मैं चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में खड़ा हुआ, तो लोग मुझसे पूछने लगे कि वे मेरे लिए क्या कर सकते हैं। मैंने उन्हें आशीर्वाद के रूप में एक रुपये देने के लिए कहा। मैंने ज़्यादातर पैसे गुगल पे के ज़रिए जमा किए थे। मुझे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। पूरी रकम केवल तीन घंटे में इकट्ठा की गई थी।” व्यास के हलफनामे में संपत्ति के तौर पर 2.5 लाख रुपये नकद और 55 लाख रुपये का एक घर दिखाया गया है।

    Share:

    राजस्थान राज्य गाडिया लौहार कल्याण बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी

    Sat Nov 19 , 2022
    जयपुर । राजस्थान के मुख्यमंत्री (Rajasthan CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने ’राजस्थान राज्य गाडिया लौहार कल्याण बोर्ड’ (Rajasthan State Gadia Lohar Welfare Board) के गठन के प्रस्ताव (Proposal of the Formation) को मंजूरी प्रदान की (Approved) । राजस्थान राज्य गाडिया लौहार कल्याण बोर्ड द्वारा गाडिया लौहार समाज के विकास एवं कल्याण के लिए विभिन्न […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved