नई दिल्ली । महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव(assembly elections in maharashtra) से पहले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन(ruling mahayuti coalition) में मतभेद सार्वजनिक(Disagreements public) रूप से सामने आने लगे हैं। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah)ने दो दिवसीय महाराष्ट्र दौरे के दौरान इस संकट को दूर करने की कोशिश की। उन्होंने शिवसेना, एनसीपी और महाराष्ट्र भाजपा के दिग्गज नेताओं संग बैठक की। सूत्रों का कहना है कि शाह ने दिल्ली रवाना होने से पहले मुंबई एयरपोर्ट पर एकनाथ शिंदे और अजीत पवार को अच्छी सीटें देने का आश्वासन दिया है। साथ ही महायुति को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने को भी कहा। इस बीच एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना ने भाजपा आलाकमान के सामने 107 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली रवाना होने से पहले सोमवार को मुंबई एयरपोर्ट पर सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे, एनसीपी अध्यक्ष अजीत पवार, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और प्रफुल्ल पटेल के साथ बैठक की। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री शाह ने सभी नेताओं से अपने बयानों पर सावधान रहने और सार्वजनिक कार्यक्रमों में मतभेदों से बचने का आग्रह किया। अमित शाह ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले महायुति को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने को भी कहा। महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे ने शाह संग हुई पार्टी नेताओं की बैठक को सकारात्मक बताते हुए कहा कि हमें आश्वस्त किया गया है कि महायुति के सभी घटकों को सम्मानजनक सीटें मिलेंगी।
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भाजपा चाहे 150, शिंदे ने 107 का भेजा प्रस्ताव
भाजपा के चुनाव प्रबंधकों ने कहा कि पार्टी महायुति गठबंधन के तहत महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों में से 150 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उसका लक्ष्य 125 सीटें जीतना है। पार्टी नेताओं का कहना है कि “प्रारंभिक आकलन यह है कि पार्टी 50 सीटों पर मजबूत स्थिति में है। इसका मतलब है कि उसे शेष 75 सीटों पर अपनी कोशिशें दोगुनी करनी होंगी।” अमित शाह ने भी पार्टी की कोर कमेटी के सदस्यों को संदेश दिया कि वे पूरी ताकत से जुट जाएं और जीत के लिए काम करें।
दोनों सहयोगियों के बारे में पार्टी नेताओं ने कहा कि शिवसेना को 75 से 80 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि एनसीपी को 55-60 सीटें मिलेंगी। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने 107 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उसने भाजपा आलाकमान को एक प्रस्ताव भी भेजा है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार की एनसीपी के बीच महायुति गठबंधन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ सकती है।
मुंबई और ठाणे पर शिंदे का फोकस
सूत्रों का कहना है कि शिंदे खास तौर पर मुंबई, ठाणे और मुंबई महानगर क्षेत्र में अधिकतम सीटें चाहते हैं। ये सीटें पारंपरिक रूप से शिवसेना का गढ़ मानी जाती हैं। शिंदे गुट खास तौर पर उन सीटों पर फोकस है, जहां उद्धव ठाकरे की पार्टी के उम्मीदवारों के उतरने की संभावना है।
महायुति की क्या है चिंता
महायुति गठबंधन की सबसे बड़ी चिंता यह है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में उसका प्रदर्शन खास नहीं रहा। भाजपा ने 28 सीटों में से सिर्फ नौ पर जीत दर्ज की। शिवसेना ने 15 में से 7 और एनसीपी ने तीन में से सिर्फ 1 सीट जीती। यानि कुल 48 सीटों में से महायुति के पास 17 सीटें आईं। वहीं, दूसरी ओर महा विकास अघाड़ी गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में 30 सीटों पर फतह हासिल की।
2019 के विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो भाजपा ने तब 164 सीटों में से 105 सीटें जीती थीं। इस वक्त शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना के पास 40 विधायक हैं। जबकि अजित पवार की एनसीपी के पास 42 विधायक। 2019 में संयुक्त शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जबकि संयुक्त एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली थी।
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