नई दिल्ली: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व (Special importance of Mahashivratri in Hindu religion) है. महाशिवरात्रि 8 मार्च शुक्रवार को है (Mahashivratri is on 8th March). इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा (fasting and ritual worship) करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. महाशिवरात्रि पर शिव की पूजा (Worship of Shiva on Mahashivratri) और सर्वार्थ सिद्धि योग का व्रत करने से व्यक्ति को परम सिद्धि की प्राप्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य पंडित नारायण हरि शुक्ला (Astrologer Pandit Narayan Hari Shukla) ने बताया कि करीब 300 साल बाद इस दिन बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिससे कुछ राशि वालों पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहेगी. इस साल 2024 की महाशिवरात्रि को बहुत खास माना जा रहा है, क्योंकि यह दिन शुक्र प्रदोष व्रत के साथ मेल खाता है. प्रदोष व्रत के अलावा इस दिन कई अन्य दुर्लभ योग भी बन रहे हैं. ऐसे में माना जाता है कि अगर कोई महाशिवरात्रि का व्रत रखता है और भगवान भोलेनाथ की पूजा करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. साल में आने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है.
महाशिवरात्रि पर शिव की पूजा और सर्वार्थ सिद्धि योग का व्रत करने से व्यक्ति को परम सिद्धि की प्राप्ति होती है. इस बार 300 साल बाद महाशिवरात्रि पर यह त्रिकोण योग बनेगा. इस दुर्लभ योग और शुभ अवसर पर भगवान शंकर की पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि के दिन शहद से शिवलिंग का अभिषेक करना शुभ होता है. गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. यदि पति-पत्नी एक साथ मिलकर शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं तो उनका वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा. महाशिवरात्रि के दिन ऐसा संयोग करीब 300 साल बाद बन रहा है. मकर राशि में मंगल और चंद्रमा की युति से चंद्र मंगल योग बन रहा है. इसके साथ ही कुंभ राशि में शुक्र, शनि और सूर्य की युति और मीन राशि में राहु और बुध की युति से त्रिग्रही योग बन रहा है. ऐसा संयोग कई राशियों के जीवन में खुशियां ला सकता है.
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