नई दिल्ली (New Delhi)। महाशिवरात्रि (Mahashivratri ) भारतीयों का एक प्रमुख पर्व है। यह त्योहार भगवान शिव को समर्पित है। हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार, फाल्गुन मास (Falgun month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
मान्यता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 को है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) का जलाभिषेक, जप करने के साथ अपनी सामर्थ्यनुसार जरूरतमंद को दान देने से जीवन में सुख-समृद्धि (prosperity) का आगमन होता है। भगवान शिव की कृपा से भक्त की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करता है उससे भगवान बेहद प्रसन्न होते हैं और उसे सुख; समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है इसके साथ ही साथ उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। लोग भगवान विष्णु और उनके सहस्त्रनाम के बारे में तो जानते हैं। लेकिन भगवान शिव के ऐसे बहुत से नाम है जिनके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्तगण महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के इन नामों का जप करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती है। आइये जानते हैं भगवान शिव के नाम और उनका मतलब।
शंकर- समृद्धि प्रदान करने वाला
शिव- आनंद और मंगल का स्त्रोत
भोले भंडारी- आसानी से प्रसन्न होने वाला
ईश्वर- सर्वव्यापी
महेश- ब्रह्मांड का सर्वोच्च भगवान
रामेश्वर- श्री राम के भगवान
सोमेश्वर-
गंगाधर- मां गंगा को धारण करने वाला
शूलपाणी- त्रिशूल धारण करने वाला
त्रिनेत्रधारी- तीन आंखों वाला
उमापति- माता पार्वती का पति
सुरगुरु- देवताओं का गुरु
नीलकंठ- नीले कंठ वाला
महादेव- देवताओं का भगवान
विश्वेश्वर- जगत का स्वामी
त्रिपुरान्तक
रुद्र- भयंकर
मृत्युंजय- मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाला।
सर्वेश्वर- जो सर्वशक्तिमान हों।
सदाशिव- जो सदा मंगलमय हों
गौरी शंकर- माता पार्वती के पति
चंद्रशेखर- जिसके सिर पर चंद्रमा विराजमान हो।
लिंगेश्वर- जिसकी पूजा शिवलिंग के रूप में कई जाती हो।
महाकालेश्वर- समय का स्वामी
बिक्षदान-भिखारी
अचला- अचल
अजन्मा- जिसका जन्म न हुआ हो
अक्षयगुणा- जिसमें अनंत गुण हों।
अमृत्यु- अमर
अर्धनारीश्वर- जिसके आधे भाग में स्त्री रूप हों।
अनम्य- कभी बीमार न पड़ने वाला
अन्तदृष्टि- अनंत दृष्टि वाला।
अनंतश्री- अनंत महिमा वाला।
अनुत्तम- जी ओ सबसे ऊपर हों।
अप्रमेय- जिसका अंत न हों।
बनहस्ता- जिसके हाथ में तीर हों।
भद्रप्रिय- हमेशा अच्छा करने वाला
बलनेत्र- जिसके सिर पर एक नेत्र हों।
जटाधर- जिसके सिर पर जटा हो।
भस्मप्रिय- जिसे भस्म पसंद हों।
भूतेश्वर- भूतों का देवता
चंद्रमौली- चंद्रमा धारण करने वाला।
दक्षिणा मूर्ति- दक्षिणमुखी देवता
द्रुदव्रत- दृढ़निश्चयी
पशुपति- सभी प्राणियों का भगवान
हिरण्यवर्णां- जो सुनहरे रंग का हो।
कपालिन- खोपड़ियों की माला धारण करने वाला
ललटाक्ष- जिसके ललाट पर आंख हों।
ओम्कारेश्वर- ॐ का अवतार
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