उज्जैन। महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष भी अच्छी बारिश (good rain) और विश्व जन कल्याण की उदात्त भावना से महाकाल (Mahakaleshwar) में महारुद्राभिषेक (Maharudrabhishek) शुरू हो गया। इसका समापन में 27 जून को होगा।
श्री महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) मंदिर के मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में महारुद्राभिषेक का आयोजन किया गया है। महारुद्र अनुष्ठान के दौरान बाबा महाकाल (Mahakaleshwar) पर सहस्त्र जलधारा प्रवाहित होगी। अनुष्ठान के दौरान गर्भगृह बंद रहेगा। यह जानकारी श्री महाकालेश्वर मदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड ने दी।
उन्होंने बताया कि समिति द्वारा हर साल की तरह इस वर्ष भी पंच दिवसात्मक अनुष्ठान का प्रारंभ किया गया है। मंदिर के 16 पुजारी, 22 पुरोहित सहित 55 पंडित नंदीहाल में रुद्राभिषेक का पाठ करेंगे। यह अनुष्ठान सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों के माध्यम से संपन्न किया जाएगा। महारुद्राभिषेक की पूर्णाहुति 27 जून को भावनात्मक अनुष्ठान के साथ होगी।
अनुष्ठान में श्रृंगी ऋषि का विशेष महत्व है। श्रृंगी ऋषि के मस्तक पर जन्म से ही सींग था जिसके कारण उनका नाम श्रृंगी ऋषि पड़ा। ऋषि के आह्वान से इंद्रदेव प्रसन्न होते है, इस कारण श्रृंगी ऋषि की प्रतिमा पर भी भगवान श्री महाकालेश्वर के साथ सतत सहस्त्र जलधारा से अभिषेक किया जाएगा।
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