मुंबई । रतन टाटा को (To Ratan Tata) भारत रत्न देने को लेकर (Regarding award Bharat Ratna) महाराष्ट्र की शिंदे कैबिनेट (Maharashtra’s Shinde Cabinet) ने प्रस्ताव पास किया (Passed Proposal) । इससे पहले शिंदे गुट के नेता राहुल कनाल ने इसकी मांग की थी। राहुल कनाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली कैबिनेट ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें रतन टाटा के अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजे जाने की सिफारिश की गई है।
शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता राहुल कनाल ने गुरुवार को एक पत्र के माध्यम से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से आग्रह किया है कि वह भारत सरकार को टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के नाम को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ के लिए प्रस्तावित करें। यह कदम रतन टाटा के अपार योगदान और उनके द्वारा मानवता के प्रति किए गए कार्यों की सराहना के लिए उठाया गया है।
राहुल कनाल ने पत्र में स्पष्ट किया कि रतन टाटा का जीवन दयालु भाव, ईमानदारी और निस्वार्थ सेवा के मूल्यों से भरा हुआ है, जो उन्हें न केवल एक सफल उद्योगपति बनाते हैं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में भी प्रस्तुत करते हैं जो समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए सदैव तत्पर रहे हैं। उनका योगदान न केवल भारतीय उद्योग को आगे बढ़ाने में रहा है, बल्कि उन्होंने सामाजिक कल्याण और शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
अपने पत्र में राहुल कनाल ने लिखा, “मुझे उम्मीद है कि यह पत्र आपको अच्छे स्वास्थ्य और उत्साह से भरा हुआ मिलेगा। मैं श्री रतन टाटा जी के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं, वो भारतीय उद्योग जगत के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, जिनका योगदान कॉर्पोरेट क्षेत्र से आगे बढ़कर हमारे समाज के ताने-बाने में समा गया है।”
रतन टाटा मार्च 1991 से 28 दिसंबर 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। उसके बाद 2016-2017 तक एक बार फिर उन्होंने समूह की कमान संभाली। उसके बाद से वह समूह के मानद चेयरमैन की भूमिका में आ गये थे। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उन्होंने अपने कार्यकाल में टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उदारीकरण के दौर में समूह को उसके हिसाब से ढाला।
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