मुंबई। महाराष्ट्र (Maharastra) में कोरोना वायरस (Corona Virus) की रफ्तार पर काबू पाने के लिए हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने कहा कि सभी को मिलकर फैसला लेना होगा. सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने कहा कि यदि लॉकडाउन (Lockdown) लगा तो महीने भर में कोरोना नियंत्रित (Corona Control) हो जाएगा. 15 से 20 अप्रैल के बीच स्थिति बहुत खराब हो सकती है. लॉकडाउन(Lockdown) के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. कोरोना की चेन तोड़ना जरूरी है. टीका(Vaccine) लगाने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहें हैं. बैठक के बाद सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने आठ दिन का संपूर्ण लॉकडाउन का संकेत दिया. एक सप्ताह बाद कुछ रियायतें दी जाएंगी. सीएम उद्धव (CM Uddhav) ने कहा कि बैठक में बेहद ही अच्छे सुझाव आए. उन्होंने कहा कि लोगों को कुछ दिक्कतें आएंगी. कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं. कुछ निर्णय लेने होंगे. अगर सभी रास्तों पर उतर आए, तो कोरोना की रफ्तार पर रोक कैसे लगेगी. उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन में फिर समीक्षा करेंगे.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है फिलहाल 50 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है. महीने भर में एक लाख से ज्यादा रेमडेसिविर की जरूरत पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि इस इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है, इसे रोकना बेहद जरूरी है. पुणे और मुंबई जैसे शहर में ट्रेसिंग करना बहुत मुश्किल है. रेमडेसिविर के बारे में निजी अस्पतालों से पूछा जाएगा. इस पर सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि रेमडेसिविर जल्द कैसे मिले ये देखना होगा. ऑक्सीजन का स्टॉक जल्द मुहैय्या कराया जाए. वहीं बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पाबंदियां होनी चाहिए, लेकिन जनता के गुस्से पर भी ध्यान दें. हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जाए. बेड्स मुहैय्या कराया जाएं. उन्होंने कहा कि पिछला साल बर्बाद हो गया, इसके बाद भी लोगों से बिजली का बिल भरने के लिए कहा गया. पाबंदियां कुछ ही होनी चाहिए, लोग जियेंगे कैसे. राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है, तो बढ़ने दें, व्यापारी खत्म हो रहे हैं. बिना सोचे अगर लॉकडाउन किया, तो गुस्सा फूट पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी मंत्रियों पर लगाम लगाओ. केंद्र की तरफ उंगली मत दिखाओ. वहीं महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर रहे नाना पटोले ने कहा कि लोगों की जान बचाना जरूरी है. मिनिस्टर बाळासाहेब थोरात ने कहा कि मौतों को रोकने के लिए फैसला लें. कड़वे फैसले लेंगे, तभी ये रुकेगा. अशोक चव्हाण ने कहा कि कड़वे फैसले लेने का समय आ गया है. जान बचाने के लिए फैसला लें. बहुत ही चुनौतीपूर्ण वक्त है. लॉकडाउन करो, लेकिन गरीबों पर भी विचार होना चाहिए. कोई बीच का रास्ता निकाला जाए. अजीत पवार ने कहा कि सीएम को निर्णय लेना चाहिए. वो जो भी निर्णय करेंगे, हम उनके साथ खड़े हैं.