मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में पांच दिसंबर को नई सरकार (New government) का शपथग्रहण होना है। महायुति गठबंधन (mahaayuti gathabandhan) की तरफ से अब तक इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि उसकी तरफ से मुख्यमंत्री (CM) पद किसे मिलेगा। हालांकि, यह लगभग तय है कि भाजपा (BJP) के देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करेंगे। वहीं, इससे पहले सीएम रहे एकनाथ शिंदे के डिप्टी सीएम बनने की चर्चाएं हैं। इसके अलावा पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे अजित पवार के फिर से इसी पद पर रहने की बातें भी सामने आई हैं। हालांकि, यह तीनों ही नेता कैबिनेट में मंत्री पदों का बंटवारा कैसे करेंगे, यह अब तक साफ नहीं है।
किस दल को कितने मंत्री पद मिलने की संभावना?
इस फॉर्मूले के आधार पर अगर आंकड़ों की बात करें तो भाजपा को मंत्रिमंडल में 20 से 22 पद मिल सकते हैं। वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 12 मंत्री पद और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को 9-10 मंत्री पद मिलेंगे। अगर महायुति में इस तरह मंत्री पदों का बंटवारा होता है तो दलों में सिर्फ विभागों को लेकर ही चर्चा बाकी रह जाएगी, जो कि शपथग्रहण के बाद भी तय हो सकती है।
विभागों के बंटवारे में आ सकती है असल दिक्कत
एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद से हटने के एवज में शिवसेना नई सरकार में कुछ अहम मंत्रालयों की मांग कर सकती है। पार्टी ने पहले ही कहा था कि उसे गृह मंत्रालय चाहिए। इससे पहले गृह मंत्रालय कई साल तक देवेंद्र फडणवीस के पास रहा है। ऐसे में शिवसेना डिप्टी सीएम पद लेने के साथ अपने लिए गृह मंत्रालय मांग सकती है।
दूसरी तरफ राकांपा ने मंत्रिमंडल में शिंदे शिवसेना के बराबर ही सम्मान मिलने की मांग रखी है पार्टी के नेता छगन भुजबल ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी का स्ट्राइक रेट बेहतर था और इसी लिहाज से मंत्री पदों का बंटवारा भी होना चाहिए।
288 विधानसभा सीटों में से 235 पर महायुति का कब्जा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए। इन नतीजों में महायुति ने कुल 288 विधानसभा सीटों में से 235 सीटें हासिल कीं। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी दल- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। इसके अलावा पांच सीटें महायुति में शामिल अन्य दलों- जन सुराज्य शक्ति (2), राष्ट्रीय युवा स्वाभिमान पार्टी (1) और राष्ट्रीय समाज पक्ष (1) ने जीतीं।
इसके विपरीत लोकसभा में अधिक अधिक सीटें जीतने वाले महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को विधानसभा चुनावों में करारा झटका लगा। एमवीए में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 16 सीटें हासिल कीं और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (शपा) को सिर्फ 10 सीटें मिलीं।
नतीजों के बाद क्या हुआ?
महाराष्ट्र में महायुति की ऐतिहासिक जीत के बाद सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई। गठबंधन के घटक भाजपा, शिवसेना व एनसीपी में अलग-अलग बैठकों का दौर शुरू हो गया। साथ ही सीएम पद को लेकर दबाव बनाने की राजनीति भी शुरू हो गई। नतीजे के अगले ही दिन यानी 24 नवंबर को एनसीपी के विधायक दल की बैठक हुई जिसमें अजित पवार को नेता चुना गया। पार्टी के नेता छगन भुजबल ने अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की। वहीं, शिवसेना विधायकों ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना।
हालांकि, शिवसेना नेता शिंदे ने 27 नंवबर को मुख्यमंत्री पद की अपनी दावेदारी छोड़ने का संकेत दिया। उन्होंने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम पद को लेकर चल रही चर्चा को विराम दे दिया। एकनाथ शिंदे ने कहा कि मेरे मन में सीएम बनने की लालसा नहीं है। पीएम मोदी और अमित शाह जो भी निर्णय लेंगे मुझे मंजूर होगा। सरकार बनाते समय मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं आएगी। मैं चट्टान की तरह साथ खड़ा हूं। भाजपा की बैठक में जो भी निर्णय लिया जाएगा, हमें मान्य होगा। भाजपा का सीएम मुझे मंजूर है।
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