मुंबई । शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Shiv Sena chief Uddhav Thackeray) ने रविवार को दावा किया कि बंद कमरे में हुई एक बैठक (Meeting) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं को विपक्षी खेमे में सेंध लगाने और उन्हें (ठाकरे) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता शरद पवार (Sharad Pawar) को निशाना बनाने का निर्देश दिया गया था।
ठाकरे ने कहा कि उनका राजनीतिक भविष्य जनता तय करेगी, न कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा नेताओं को एक ‘बंद कमरे’ में बैठक करके उन्हें (उद्धव) और शरद पवार को राजनीतिक रूप से ‘रोकने’ का निर्देश दिया था।
पूर्वी महाराष्ट्र के रामटेक शहर में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने के बाद ठाकरे ने कहा, ‘हाल ही में नागपुर के अपने दौरे के दौरान अमित शाह ने भाजपा नेताओं के साथ बंद कमरे में एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने उनसे विपक्षी दलों के नेताओं में फूट डालने और मुझे तथा शरद पवार को राजनीतिक रूप से रोकने के लिए कहा था। बंद कमरे में क्यों बोलें? उन्हें यह बात लोगों के सामने कहनी चाहिए।’
उन्होंने आरोप लगाया कि शाह उद्धव ठाकरे और शरद पवार को राजनीतिक रूप से क्यों खत्म करना चाहते हैं…ताकि भाजपा महाराष्ट्र को लूट सके।
ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने 2014 में (विधानसभा चुनाव से पहले) (अविभाजित) शिवसेना के साथ अपना तीन दशक पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, शिवसेना 63 सीट जीतने में सफल रही।’
ठाकरे ने सवाल किया कि कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत भाजपा के ‘हिंदुत्व’ से सहमत हैं, जिसमें अन्य दलों को तोड़ना और (विपक्षी नेताओं को) अपने पाले में लाना शामिल है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, ‘आगामी चुनाव सत्ता के लिए नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र को लूट से बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।’
उन्होंने लोगों से महा विकास आघाड़ी को भारी जीत दिलाने और रामटेक लोकसभा क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित करने की अपील की। कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के नेताओं- सुनील केदार और अनिल देशमुख ने ठाकरे के साथ मंच साझा किया।
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