मुंबई । वीर सवारकर (Veer Sawarkar) को लेकर इंडिया गठबंधन (India Alliance) में मतभेद खुलकार सामना आ चुके हैं। कांग्रेस (Congress) लगातार सावरकर के बहाने भाजपा (BJP) पर हमला करती है। भगवा पार्टी सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी बताते हुए कांग्रेस पर उनका अपमान करने का आरोप लगाती है। इस बीच उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) से मुलाकात कर उनके लिए भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजने की मांग कर दी है। इसके बाद कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है, जिसपर सवाल उठने लगे हैं।
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को बीजेपी से पूछा कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न अब तक वीर सावरकर को क्यों नहीं दिया गया। यह बयान उन्होंने नागपुर में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दिया। ठाकरे ने कहा, “जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की थी। आज भी वह मुख्यमंत्री हैं लेकिन उनकी मांग पर कोई विचार नहीं किया गया। तो बीजेपी को सावरकर पर बात करने का कोई अधिकार नहीं है। मैं अपनी मांग दोहराता हूं कि सावरकर को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाए।”
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और कांग्रेस से आग्रह किया कि वे ऐतिहासिक बहसों जैसे जवाहरलाल नेहरू और विनायक सावरकर के योगदान पर चुप रहें और देश के विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा, “नेहरू और सावरकर दोनों ऐतिहासिक व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने योगदान दिए। आज हमें विकास पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, किसानों की समस्याओं को हल करने की जरूरत है, इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने की जरूरत है और बेरोजगारी को दूर करने की जरूरत है।”
इसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और उन्हें चुनाव जीतने पर बधाई दी। इस अवसर पर शिवसेना (UBT) के आदित्य ठाकरे, अनिल परब, वरुण सरदेसाई और अंबादास दानवे भी फडणवीस से मिले और उन्हें जीत की बधाई दी। इस मुलाकात के बाद, ठाकरे और फडणवीस के बीच करीब 10-15 मिनट तक बंद कमरे में बातचीत हुई, जिसे लेकर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि विपक्ष के नेता का पद शिवसेना (UBT) को मिल सकता है। आपको बता दें कि ठाकरे की पार्टी विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, जिसके पास 20 विधायक हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा, “मुझे महाराष्ट्र में एक सभ्य राजनीतिक वातावरण की उम्मीद है। हम चुनाव नहीं जीत पाए, वे जीत गए और सरकार बनाई। स्वाभाविक रूप से हम उम्मीद करते हैं कि यह सरकार राज्य के हित में काम करेगी और राज्य के लाभ के लिए निर्णय लेगी। बाकी सवाल जनता के मन में हैं और हम उन सवालों को उठाते रहेंगे।”
आदित्य ठाकरे ने भी कहा, “हमने मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात की। हम आगामी पांच वर्षों में राज्य के हित में सभ्य राजनीति करना चाहते हैं, इसलिए हमने उन्हें बधाई दी। हमारी राजनीतिक अंतरें हैं, लेकिन व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है।”
कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठे
इस बीच उद्धव ठाकरे की सावरकर को भारत रत्न देने की मांग पर कांग्रेस ने मंगलवार को चुप्पी साधे रखी। कांग्रेस की तरफ से इस संवेदनशील राजनीतिक मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। यह मांग कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में सावरकर के संविधान के प्रति दृष्टिकोण और ब्रिटिश सरकार से माफी मांगने पर आलोचना करने के कुछ दिन बाद आई है।
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