नई दिल्ली. चुनाव महाराष्ट्र (Maharashtra) में है लेकिन महायुति (Mahayuti) खेमे की तरफ से दिल्ली (Delhi) में हलचल है. महाराष्ट्र के दोनों डिप्टी सीएम- देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार (Devendra Fadnavis and Ajit Pawar) दिल्ली में हैं और अब सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) भी दिल्ली आ रहे हैं. तीनों नेता आज सीटों पर फाइनल बातचीत के लिए अमित शाह से मिलेंगे.
सीएम एकनाथ शिंदे दोपहर में दिल्ली पहुंचेंगे और उसके बाद महायुति के नेताओं की बैठक अमित शाह के साथ होगी. दरअसल राज्य की कुछ सीटें ऐसी है जहां तीनों सहयोगी दावा कर रहे है और इस बैठक का मकसद इन्हीं सीटों पर सहमति बनाना है.
कई सीटों पर युति के दल आपस में ही कर रहे हैं दावा
आष्टी विधानसभा क्षेत्र में एनसीपी अजित पवार गुट के विधायक बालासाहेब आसबे एमएलए है, लेकिन वहां बीजेपी के सुरेश धस चुनाव लड़ना चाहते हैं. वहीं तासगांव में बीजेपी पूर्व सांसद संजय काका के बेटे को चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन यहां अजित पवार अपनी पार्टी के कैंडिडेट को लड़ाना चाहते हैं. यहां शरद पवार गुट के रोहित पाटील चुनाव लड़ सकते हैं. तीनों दल दावा कर रहे हैं कि ये सभी मसले आज की बैठक में सुलझा लिए जाएंगे.
106 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम नहीं हुआ है ऐलान
बीजेपी महाराष्ट्र के लिए अपने 99 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है वहीं शिंदे गुट वाली शिवसेना 45 और अजित पवार अपने 38 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुके हैं. कुल मिलाकर राज्य की 288 सीटों में से महायुति 182 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है और 106 सीटें अभी प्रत्याशियों का चुनाव अभी बाकी है. इसे लेकर आज दिल्ली में बैठक है.
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) गठबंधन की सरकार है. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 105 सीटें जीती थीं. वर्तमान में बीजेपी के 103 विधायक हैं. शिवसेना (शिंदे) के पास 40 विधायक और एनसीपी (अजित) के पास 43 विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी राज्य में सबसे बड़ा दल है.
20 नवंबर को है चुनाव
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. पिछले चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई और उसने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने.
जून 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह हो गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ दिया. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए. अब शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है. शरद पवार की एनसीपी भी दो गुट- शरद पवार और अजित पवार में बंट गई है.
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