मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा अध्यक्ष (Speaker of Legislative Assembly) के चुनाव को लेकर राज्यपाल व सरकार के बीच संघर्ष (conflict between the governor and the government) बढ़ गया है। राज्यपाल की अनुमति के बगैर राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराए जाने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में कानून क्या बन रहा है, इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार राज्यपाल को नहीं है इसलिए राज्य सरकार की ओर से बनाए गए कानून को राज्यपाल को अनुमति देना ही चाहिए।
जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार ने राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव आवाजी पद्धति (ध्वनि मत) से करवाए जाने के लिए अनुमति मांगी थी। राज्यपाल ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा कि आवाजी पद्धति से चुनाव करवाया जाना कानून की परिधि में नहीं आता है, इसलिए वे इसकी अनुमति नहीं दे रहे हैं। हालांकि इससे पहले राज्य सरकार के 3 मंत्री राजभवन जाकर राज्यपाल से मिले थे और आधे घंटे तक चर्चा कर नए तरीके से चुनाव करवाए जाने की विस्तृत जानकारी दी थी, लेकिन सोमवार को राज्यपाल ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा कि नए नियमों के तहत वे विधानसभा चुनाव की अनुमति नहीं देंगे।
इसके बाद राज्य सरकार ने राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी के साथ चर्चा की और फिर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल को पत्र लिखा। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने साफ लिखा है कि राज्य में कानून क्या बनाया जाए, इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार राज्यपाल को नहीं है इसलिए राज्य सरकार की ओर से विधानसभा चुनाव में किए गए बदलाव को राज्यपाल को अनुमति देना चाहिए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसी तरह का चुनाव लोकसभा में तथा अन्य राज्यों में करवाए जाने का हवाला दिया है। इस पत्र के बाद राज्यपाल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।
उल्लेखनीय है कि 2019 में महाविकास आघाड़ी सरकार का गठन होने के बाद नाना पटोले विधानसभा अध्यक्ष बने थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद नाना पटोले ने विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से राज्य में विधानसभा अध्यक्ष का पद रिक्त पड़ा हुआ है। खुद राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने इस पद का चुनाव करवाए जाने के लिए राज्य सरकार को दो बार पत्र लिखा था। इसके बाद राज्य सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव नियमों में गोपनीय तरीके के बजाय आवाजी पद्धति से करवाए जाने का बदलाव किया है। राज्यपाल ने इसी बदलाव को असंवैधानिक बताते हुए इसे मानने से इनकार कर दिया है। (एजेंसी, हि.स.)
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