मुंबई (Mumbai) । केंद्र सरकार (Central government) ने 25 जून को आपातकाल (Emergency) लगाए जाने की बरसी पर हर साल ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने का फैसला किया है। वहीं सरकार के इस फैसले पर विपक्ष (Opposition) ने सवाल उठाए हैं। बारामती से एनसीपी (शरद पवार) सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने बीजेपी (BJP) पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आपातकाल 50 साल पहले हुआ था। लोगों ने माफी मांगी और देश ने माफ कर दिया। अब उन लोगों का क्या जो लोग रोज संविधान के खिलाफ काम करते हैं? हमारी पार्टी और निशान को जबरन छीन लिया गया। हमें लगातार सु्प्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग जाना पड़ रहा है। क्या यह लोकतंत्र की हत्या नहीं है?
सुले ने कहा, उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ जो कुछ हुआ, क्या वह सही था? जब आप पार्टी या फिर घर तोड़ते हैं या फिर एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं तो क्या यह सही है। झारखंड और दिल्ली के सीएम को गिरफ्तार कर लिया गया, क्या यह सही है? बता दें कि भारत सरकार की ओर से 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसमें कहा गया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा हुई थी। उस समय की सरकार ने सत्ता का दुरुपयोग किया र भारत के लोगों पर अत्याचार किए गए।
नोटिफिकेशन में कहा गया कि आपातकाल के दौरान अत्याचार का सामना करने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिवस का ऐलान किया गया है। सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री हर बार हास्यास्पद हेडलाइन बनाने की कोशिश में लगे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ये वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने संविधान केसिद्धातों और संस्थानों पर हमला किया है।
बता दें कि लोकसभा चुनवा के बाद से ही बीजेपी ने कांग्रेस को आपातकाल के मुद्दे पर घेरना शुरू करदिया था। वहीं लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस और विपक्षी दलों ने संविधान बचाने का नारा दिया था। राहुल गांधी ने सभाओं में कहा कि अगर बीजेपी की सरकार फिर से बनी तो वे संविधान को बदल देंगे और आरक्षण खत्म कर देंगे। 24 जून को संसद का सत्र हुआ था और इसके बाद से ही संविधान का मुद्दा छाया रहा। शपथ ग्रहण के दौरान भी राहुल गांधी ने अपनेहाथ में संविधान की प्रति रखी थी। वहीं शशि थरूर ने शपथ लेने के बाद जय संविधान कहा था।
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