मुम्बई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की तारीखों का ऐलान अगले कुछ दिनों में हो सकता है। इससे पहले राज्य में सत्ताधारी महायुति गठबंधन (Ruling Mahayuti alliance) के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों (288 assembly seats) में से 47 ऐसी हैं जिन्हें लेकर एनडीए अभी तक फैसला नहीं कर पाया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के सीनियर नेता ने कहा कि महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक अलग-अलग नेताओं के साथ चर्चा हुई। इस दौरान राज्य की ज्यादातर सीटों पर समझौता तो हो गया मगर 47 पर पेच फंसा है। उन्होंने कहा कि अभी भी 47 सीटें ऐसी हैं जिन पर सहयोगियों में से एक से अधिक दल दावा कर रहे हैं। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर सीटें ऐसी हैं जहां मामला शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के बीच ही है। इसे सुलझाने की जिम्मेदारी भी मोटे तौर इन्हें दो दलों के पास है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि बीजेपी 288 सीटों में से 140 से 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शिवसेना 80 से 90 सीटों और एनसीपी 40 से 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर सकती है। बताया जा रहा है कि भाजपा राज्य के सभी क्षेत्रों में चुनाव लड़ती नजर आएगी। बाकी के 2 सहयोगी दल अपने-अपने प्रभाव वाले इलाकों में अधिक सीटों पर ताल ठोंक सकते हैं। तीनों पार्टियों ने हर एक विधानसभा सीट पर समन्वयक की नियुक्ति भी कर दी है जिनका काम आपस में तालमेल बनाना है। वहीं, बीजेपी ने अलग-अलग राज्यों से नेताओं और कार्यकर्ताओं की टीम बनाई है। तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को 46 विधानसभा सीटों वाले मराठवाड़ा इलाके का प्रभारी बनाया गया है। विदर्भ क्षेत्र की 62 सीटों के लिए मध्य प्रदेश के नेताओं की तैनाती हुई है।
बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की टीमें ग्राउंड जीरो पर तैनात
कर्नाटक बीजेपी के नेताओं और पदाधिकारियों का एक समूह पश्चिमी महाराष्ट्र की 58 सीटों पर तैनात किया गया है। गुजरात बीजेपी के नेताओं को उत्तर महाराष्ट्र और मुंबई की 47 सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, गोवा के नेता कोंकण इलाके में काम कर रहे हैं। मालूम हो कि मुंबई और कोंकण क्षेत्र को मिलाकर 75 विधानसभा सीटें आती हैं। इन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है कि वे हर एक विधानसभा सीट पर पार्टी की संभावनाओं, संभावित उम्मीदवारों जैसे मुद्दों पर जमीनी सर्वे करें। साथ ही, स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक जुटाना है। बताया जा रहा है कि 15 अक्टूबर तक ये प्रभारी हर सीट को लेकर अपनी-अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंप देंगे। इस आधार पर ही प्रत्येक विधानसभा सीट पर उम्मीदवार का नाम फाइनल होगा।
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