मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) की नई फडणवीस सरकार (Fadnavis Government) में पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Former Chief Minister Eknath Shinde) का कद काफी घट गया है। सीएम फडणवीस भले ही शिंदे को हमेशा अपने बराबर दिखाने की कोशिश करते रहे हों, लेकिन पहले मुख्यमंत्री पद से हाथ धोने और अब गृह विभाग (Home Department) न मिलने से साफ हो गया है कि नई सरकार के गठन में एकनाथ शिंदे की बहुत नहीं चली है। साल 2022 में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से बगावत करके बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे इस पद पर हालिया विधानसभा चुनाव से पहले तक थे, लेकिन चुनाव में बीजेपी के सबसे बड़े दल बनने की वजह से देवेंद्र फडणवीस को एक बार फिर से सीएम बनाया गया।
काफी समय तक नाराज रहे शिंदे
महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी को भले ही सबसे ज्यादा 132 सीटें आई हों, लेकिन इसके बाद भी शिंदे अपनी योजनाओं की बदौलत ही महायुति सरकार की वापसी होने का दावा करते रहे। शिवसेना के नेता महायुति सरकार के वापस आने के पीछे शिंदे द्वारा लाई गई लाडली बहना योजना को जिम्मेदार बताते हैं। इसी के चलते शिवसेना लगातार शिंदे को ही दोबारा सीएम बनाए जाने की मांग करती रही। हालांकि, जब बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अड़ गई तो शिंदे के नाराज होने की अटकलें लगीं। वह अचानक अपने गांव चले गए और लंबा समय वहां बिताया। हालांकि, फिर धीरे-धीरे चीजें ठीक हुईं और शिंदे को डिप्टी सीएम पद से संतोष करना पड़ा। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि शिंदे की शिवसेना को गृह विभाग देकर बीजेपी उनकी नाराजगी को दूर कर सकती है, लेकिन जब शनिवार को विभागों का बंटवारा हुआ तो उसमें भी शिंदे को झटका लगा।
बीजेपी ने अपने पास ही रखा गृह विभाग
किसी भी सरकार में गृह विभाग काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सबसे ताकतवर विभागों में होता है, क्योंकि राज्य की पुलिस इसी विभाग को रिपोर्ट करती है। सीएम पद नहीं मिलने के बाद शिंदे ने इसी विभाग पर अपना दावा ठोक दिया था, जिसको लेकर कई दौर की बैठकें भी हुईं। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर चला, लेकिन शिवसेना को गृह विभाग नहीं मिल सका। सूत्रों के अनुसार, शिंदे गुट का कहना था कि चूंकि पिछली महायुति सरकार में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे थे और गृह विभाग डिप्टी सीएम रहे फडणवीस के पास थे, ऐसे में इसी फॉर्मूले के तहत यह विभाग इस बार डिप्टी सीएम बने शिंदे को दिया जाना चाहिए। लेकिन बीजेपी ने यह बात भी शिंदे की नहीं मानी और शक्तिशाली गृह विभाग को अपने पास ही रखा।
नई सरकार में क्यों घट गया शिंदे का कद?
साल 2022 में जब महाराष्ट्र में उद्धव सरकार गिरकर महायुति ने सरकार बनाई थी, तब एकनाथ शिंदे गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। शिवसेना में टूट की वजह से ही राज्य में महायुति की सरकार की वापसी हो पाई थी। उस समय बीजेपी के सबसे बड़े दल होने के बाद भी पार्टी ने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया था। लेकिन इस चुनाव के बाद शिंदे का कद काफी घट गया। इसके पीछे की वजह बीजेपी के अकेले दम पर बहुमत के करीब सीटें जीतना है। भाजपा ने इस बार 132 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं। पिछली सरकार में अजित पवार महायुति सरकार में बाद में जुड़े थे, लेकिन इस बार वे शुरुआत से ही गठबंधन का हिस्सा थे। बीजेपी और एनसीपी को मिलाकर भी आराम से पांच साल तक सरकार चलाई जा सकती थी। दोनों दलों की सीटें बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा थीं। ऐसे में शिवसेना के पास तोल-मोल की ज्यादा ताकत नहीं बची, जिसकी वजह से शिंदे को न तो सीएम पद मिला और न ही गृह विभाग हाथ आया।
विभागों के बंटवारे में किसे क्या मिला?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को अपने मंत्रिपरिषद को विभागों का आवंटन किया, जिसमें महत्वपूर्ण गृह विभाग अपने पास रखा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि फडणवीस ऊर्जा, कानून और न्यायपालिका, सामान्य प्रशासन विभाग और सूचना और प्रचार विभागों को भी संभालेंगे। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शहरी विकास, आवास और लोक निर्माण विभाग (सार्वजनिक उद्यम) आवंटित किए गए। एक अन्य उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को वित्त और योजना, राज्य उत्पाद शुल्क मिला।
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