मुंबई। महाराष्ट्र (maharashtra) की सियासी जंग (political battle) हाल फिलहाल में खत्म होती नहीं दिख रही है। सोमवार को बागी विधायक (rebel MLA) अपनी याचिका उच्चतम न्यायालय (Supreme court) में लेकर पहुंचे। कोर्ट ने विधानसभा उपाध्यक्ष (deputy speaker of assembly) द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई अयोग्यता कार्यवाही पर 11 जुलाई तक रोक लगा दी। इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने गुवाहाटी के होटल में ठहरे हुए नौ बागी मंत्रियों के विभाग सोमवार को छीन लिए थे।
शिंदे फिर बोले- 36 से ज्यादा विधायकों के समर्थन; उद्धव ने विभाग छीने
शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ शुरू हुई बगावत को एक हफ्ते हो रहा है। उनका 36 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा है। दोनों ही पक्ष अपने रुख पर अड़े हुए हैं और लंबी लड़ाई के लिये तैयार दिख रहे हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, शिंदे के नेतृत्व में गुवाहाटी में डेरा डाले बैठे बागी मंत्रियों के विभाग अन्य मंत्रियों को इसलिए दिए जा रहे हैं ताकि प्रशासन चलाने में आसानी हो। शिवसेना में अब चार कैबिनेट मंत्री हैं जिनमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, अनिल परब और सुभाष देसाई शामिल हैं। आदित्य को छोड़कर शेष तीन विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) हैं। शिंदे के शहरी विकास और सार्वजनिक उपक्रम विभागों को शिवसेना के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई को दिया गया है।
एकनाथ शिंदे से कोई बात नहीं की, कोई प्रस्ताव नहीं मिला: भाजपा विधायक
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सोमवार को दावा किया कि उनकी पार्टी ने शिवसेना के असंतुष्ट नेता एकनाथ शिंदे के साथ कोई बात नहीं की है और ना ही पार्टी को शिंदे की तरफ से कोई प्रस्ताव मिला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा की कोर समिति की यहां हुई बैठक में ‘स्थिति पर नजर रखने’ की रणनीति अपनाई गयी है। उन्होंने कहा कि बैठक में उच्चतम न्यायालय के सोमवार के आदेश पर भी चर्चा की गयी।
महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के आवास पर बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने अभी तक ना तो एकनाथ शिंदे से कोई बात की है, ना ही हमें उनकी तरफ से कोई प्रस्ताव मिला है।’’ कोर समिति की बैठक में हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बातचीत की। हम स्थिति पर नजर रखने और इंतजार करने का रुख अपनाएंगे।’’
BJP ने सभी विधायकों को मुंबई में रहने को कहा
देवेंद्र फडणवीस के घर हुई बैठक के बाद भाजपा के सभी विधायकों को मुंबई और आसपास के इलाके में रहने के कहा है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनने पर वे सभी मौजूद रहें। बीजेपी को भरोसा है कि फ्लोर टेस्ट के बाद मौजूदा एमवीए सरकार गिर जाएगी। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर सीधे राज्यपाल से संपर्क नहीं करेगी। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ गठबंधन में सरकार बनाएगी। इसके अलावा बैठक में भाजपा नेताओं से कहा गया है कि वे कार्यकर्ताओं को तैयार रखें और जब भी शिवसेना के बागी विधायक मुंबई लौटेंगे तो भारतीय जनता पार्टी एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करेगी।
कोर्ट ने दी शिंदे खेमे को राहत
वहीं, उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए कहा कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने हालांकि महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें विधानसभा में बहुमत परीक्षण नहीं कराए जाने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने कहा कि वे किसी भी अवैध कदम के खिलाफ उसका रुख कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को शिवसेना के 39 बागी विधायकों और उनके परिवार के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की सुरक्षा करने का निर्देश भी दिया। शिंदे ने न्यायालय द्वारा उन्हें और अन्य बागी शिवसेना विधायकों को मिली राहत को बाल ठाकरे के हिंदुत्व और अपने गुरु आनंद दिघे के आदर्शों की जीत बताया। शिंदे ने ट्वीट किया, “यह हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब के हिंदुत्व और (दिवंगत) धर्मवीर आनंद दिघे के आदर्शों की जीत है।” उन्होंने हैशटैग के साथ लिखा कि असली शिवसेना की जीत है ये।
उद्धव से मिली MVA गठबंधन के नेता
उच्चतम न्यायालय के फैसले के कुछ घंटों बाद कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री ठाकरे से मुलाकात की और राजनीतिक स्थिति का जायजा लिया। कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने मुख्यमंत्री के आवास मातोश्री के बाहर संवाददाताओं से कहा, “हम गठबंधन के भागीदार हैं। हम एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे।’’ कांग्रेस मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, राकांपा के दिलीप वलसे पाटिल और जयंत पाटिल ने भी ठाकरे से मुलाकात की।
महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने सोमवार को दावा किया कि बागी खेमे में शामिल हुए शिवसेना के 15 से 20 विधायक उनके संपर्क में हैं और पार्टी से उन्हें गुवाहाटी से मुंबई वापस लाने का आग्रह किया है। मुंबई के बाहरी इलाके करजत में शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, एमवीए सरकार को बचाने की जद्दोजहद में जुटे ठाकरे ने कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता मौजूदा स्थिति को एक अवसर के रूप में देख रहा है, समस्या के रूप में नहीं। बागी विधायकों का संदर्भ देते हुए ठाकरे ने कहा, “धूल छंट गई है। अब हम कुछ अच्छा कर सकते हैं।” मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और पार्टी नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि 21 जून के विद्रोह से पहले इस बात की चर्चा थी कि पार्टी में कुछ विकास होगा।
संजय राउत को मिला ईडी का नोटिस
राजनीतिक खींचतान के बीच बागी विधायकों के खिलाफ शिवसेना के हमले की कमान संभाल रहे पार्टी सांसद संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई की एक ‘चॉल’ के पुन:विकास और उनकी पत्नी और मित्रों से जुड़े अन्य वित्तीय लेन-देन से जुड़ी धन शोधन की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए मंगलवार को तलब किया है।
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता राउत ने इसे पार्टी के राजनीतिक विरोधियों से लड़ने से रोकने के लिए “साजिश” करार दिया। राउत ने कहा, “भले ही आप मेरा सिर काट दें, मैं गुवाहाटी का मार्ग नहीं लूंगा।” शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने पार्टी नेता संजय राउत को राकांपा का ‘लाडला’ करार दिया। उन्होंने संजय राउत पर हमला बोलते हुए कहा कि 2019 में महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा सरकार का गठन जब महज़ औपचारिकता थी तो वह एक “प्रभावशाली राकांपा नेता” के आशीर्वाद से “सक्रिय” हो गए और शिवसेना को खत्म करने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को संबोधित एक पत्र में, केसरकर ने संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग विधायकों के कारण चुने जाते हैं, वह अब हर दिन उन्हें गाली दे रहे हैं।
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