मुंबई । विधानपरिषद चुनाव के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में आया भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) खेमें और उद्धव ठाकरे के बीच सियासी खींचतान जारी है. एक तरफ शिंदे गुवाहटी में बैठकर अपनी ताकत दिखा कर विधायक दल का नेता चुने जाने की बात कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब बागी विधायकों को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे के तेवर भी सख्त होते दिख रहे हैं.
राजनीतिक संकट के बीच शनिवार को शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. बैठक में कई अहम मुद्दों पर बात हुई. बैठक में तीन बड़े प्रस्ताव भी पारित किए गए. इन प्रस्तावों में कहा गया कि पार्टी में निर्णय लेने के सभी अधिकार शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के पास ही रहेंगे और कोई भी बागी विधायक बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा.
शिवसेना हिंदुत्व की विचार धारा का पालन करेगी : संजय राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हम उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे जिन्होंने अपनी स्वार्थ की राजनीति के लिए बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल किया है. जो पार्टी छोड़कर चले गए हैं उन्हें बालासाहेब ठाकरे का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा और पार्टी से गद्दारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने सीएम ठाकरे के पास उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है. संजय राउत ने कहा कि हमने 6 प्रस्ताव पारित किए हैं और शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा का पालन करेगी और संयुक्त महाराष्ट्र की विचारधारा से समझौता नहीं करेगी.
शिंदे खेमें के 16 विधायकों को जारी हुआ नोटिस
महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष ने असम के गुवाहाटी में वर्तमान में रह रहे एकनाथ शिंदे खेमे के 16 बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया है. जिन विधायकों को नोटिस जारी किया गया है उन्हें 27 जून तक लिखित तौर पर अपना जवाब देना होगा.
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