मुंबई: महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों में एक बड़ा खेल चल रहा है. यहां के स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग पांच लाख बच्चे फर्जी हैं. जी हां… इन बच्चों का दाखिला बिना किसी आधार कार्ड किया गया है. राज्य में हर महीने फर्जी छात्रों पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. कमाल की बात तो ये है की लोगों को इतने बड़े स्तर पर चल रहे इस फर्जीवाड़े का पता नहीं चल सका था.
जानकारी के मुताबिक, राज्य में कुल 5 लाख 16 हजार 188 विद्यार्थियों को बिना आधार कार्ड के स्कूलों में प्रवेश दिया गया है. इससे साफ है कि ये छात्र फर्जी हैं. सरकार ने छात्रों के लिए स्कूल में प्रवेश के दौरान आधार कार्ड को लिंक करना अनिवार्य कर दिया है, ऐसे में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. स्कूलों ने पांच लाख से ज्यादा छात्रों को बिना आधार कार्ड दिखाकर पद दे दिए, यानी सरल भाषा में कहें तो बिना आधार कार्ड देखें इन बच्चों का दाखिला स्कूल वालों ने कर लिया.
राज्य के सरकारी स्कूलों में 55 लाख 26 हजार 874 छात्र हैं. लेकिन इनमें से 1 लाख 79 हजार 56 छात्र ऐसे हैं जिनके पास आधार नहीं है. यानी ये छात्र फर्जी हैं. निजी सहायता प्राप्त स्कूलों में कुल 97 लाख 69 हजार 202 छात्र हैं. इनमें 1 लाख 11 हजार 444 बिना आधार नंबर वाले छात्र हैं. इसके अलावा निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में 62 लाख 61 हजार 778 छात्र हैं. इनमें से 2 लाख 25 हजार छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है. यानी कुल 5 लाख 16 हजार 188 छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है.
इससे राज्य सरकार को हर महीने करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. राज्य में 2021 में पहली बार बीड जिले में फर्जी नंबर दिखाकर सरकार को चूना लगाने का मामला सामने आया था. बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच में एक ‘जनहित याचिका’ दायर की गई थी. इसके बाद कोर्ट ने जस्टिस पी. वी हरदास (सेवानिवृत्त) को एक समिति के रूप में नियुक्त किया गया था. समिति ने जुलाई 2022 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. रिपोर्ट को सरकार ने स्वीकार कर लिया और ये दिशानिर्देश तैयार किए गए. इसलिए स्कूलों में छात्रों के दाखिले के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है.
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