नई दिल्ली । महाराष्ट्र (Maharashtra) में आगामी महीनों में विधान सभा चुनाव (Assembly Elections) प्रस्तावित हैं। इस बीच सत्ताधारी महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा तेज है। लोकसभा चुनावों में बेहतर नतीजों से उत्साहित MVA में जहां एक तरफ सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी खींचतान मची है, वहीं अब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने सीएम चेहरे का मुद्दा उछाल कर गठबंधन दलों के बीच खींचतान की तार को और कस दिया है। संजय राउत ने शुक्रवार को इस बात पर बल दिया कि MVA को विधानसभा चुनाव से पहले ही महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के चेहरे का ऐलान कर देना चाहिए।
उनकी यह टिप्पणी पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की तीन दिवसीय दिल्ली यात्रा और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद आई है। अब तक, एमवीए राज्य में मुख्यमंत्री चेहरे के लिए सामूहिक रूप से पैरवी करने से परहेज करती रही है। महाराष्ट्र में अक्टूबर में चुनाव होने हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या आप मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे की उम्मीदवारी पर जोर दे रहे हैं? राउत ने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली NDA सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने में सबसे आगे रहे हैं। नई दिल्ली में शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद ने कहा कि ठाकरे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार केंद्र के ‘दमनकारी’ रवैये के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं।
राउत ने कहा, ‘‘राज्य (चुनाव) के लिए एक चेहरा होना जरूरी है। अगर राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में (विपक्ष का) चेहरा होते, तो हम (भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को हरा सकते थे। राहुल गांधी द्वारा विपक्ष के नेता का पद स्वीकार करने के बाद ही देश में आत्मविश्वास जगा। इसलिए विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी दोनों के लिए एक चेहरे की जरूरत है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका मतलब यह है कि ठाकरे एमवीए के सीएम उम्मीदवार होंगे, राउत ने कहा, ‘‘केवल राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे ही (लोकसभा चुनावों में) विपक्ष का चेहरा बने।’’ एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।
महाराष्ट्र में MVA सरकार का नेतृत्व कर चुके उद्धव ठाकरे की ओर से यह संकेत दिया गया कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर सामने आने के लिए वह तैयार हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद ही राउत की यह टिप्पणी आई है। ठाकरे इस सप्ताह की शुरुआत में नई दिल्ली में थे, जहां उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के सी वेणुगोपाल और ‘इंडिया’ के अन्य घटक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
महाराष्ट्र में 165 सीटें जीत सकता है MVA, विपक्षी गठबंधन के सर्वे ने चौंकाया
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, कांग्रेस, शिवसेना (UBT), और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन को 165 सीटें जीतने का अनुमान है। विपक्षी गठबंधन सहयोगियों द्वारा यह सर्वेक्षण राज्य विधानसभा चुनाव से लगभग तीन महीने पहले किया गया है। सर्वेक्षण से पता चला है कि एमवीए को राज्य में लगभग 165 सीटें मिलेंगी। हालांकि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के सहयोगियों को मुंबई, कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र में अच्छा खासा लाभ मिलने का अनुमान है।
एक सीनियर कांग्रेस सदस्य ने कहा कि, “हमने लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में 48 में से 31 सीटें जीतीं। यह कुल 48 सीटों का लगभग 65% है। हम विधानसभा चुनावों में भी यही औसत बनाए रखना चाहेंगे, जिससे हमें लगभग 188 सीटें मिलेंगी। हमारा प्रारंभिक आकलन बताता है कि हम लगभग 165 सीटें जीतेंगे। यह एक अच्छी संख्या है, लेकिन फिर भी हम इस साल के अंत में होने वाले वास्तविक चुनावों में अपनी संख्या में सुधार करना चाहेंगे।” महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कम से कम 144 विधानसभा सीटों की आवश्यकता है।
लोकसभा चुनावों में मिली सफलता से उत्साहित कांग्रेस, एनसीपी (एससीपी) और शिवसेना (यूबीटी) का गठबंधन अब विधानसभा चुनावों में भी यही प्रदर्शन दोहराने की कोशिश कर रहा है। राज्य में दिवाली के आसपास चुनाव होने की उम्मीद है। रणनीति तय करते समय एमवीए भागीदारों की सामूहिक बैठक में गठबंधन सहयोगियों ने आकलन के लिए राज्य को सात क्षेत्रों में बांटा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एमवीए सदस्यों के अनुसार, नागपुर, अमरावती, मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्रों में गठबंधन का पलड़ा भारी है। एनसीपी (एससीपी) के एक पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा, “गठबंधन सहयोगियों में कांग्रेस नागपुर और अमरावती क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करेगी। मराठवाड़ा भी गठबंधन के लिए अनुकूल दिख रहा है, जहां कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) का अच्छा समर्थन है। पश्चिमी महाराष्ट्र में गठबंधन एनसीपी (एससीपी) पर निर्भर है।”
जहां चार क्षेत्र एमवीए के लिए अनुकूल दिख रहे हैं, तो वहीं आकलन से पता चलता है कि लोकसभा चुनावों में औसत से कम नतीजों के बावजूद महायुति मुंबई, कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र के क्षेत्रों में हावी है। एमवीए के आकलन से पता चलता है कि भाजपा, शिवसेना और एनसीपी का गठबंधन अभी भी इन क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाए हुए है। एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी ने कहा, “कोंकण में एमवीए गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा। इस क्षेत्र में विधानसभा के नतीजों को फिर से संगठित करना और सुधारना एक कठिन काम होगा। मुंबई में भी, भाजपा और शिवसेना एक बड़ी चुनौती पेश करेंगे, जिसका हमारे गठबंधन को सामना करना होगा। जहां तक उत्तर महाराष्ट्र का सवाल है, कांग्रेस अभी भी वहां कमजोर दिखती है, हालांकि हमने लोकसभा चुनावों में उस क्षेत्र में कुछ सीटें जीती थीं। हमारे पास अपनी कमजोरियों पर काम करने के लिए ज्यादा समय नहीं है, लेकिन हम उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जहां हम पिछड़ रहे हैं।”
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