नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक(Minister Nawab Malik) की तत्काल रिहाई की याचिका को खारिज कर दिया है. दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले (money laundering cases) में गिरफ्तार नवाब मलिक की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस चरण में दखल नहीं देंगे. वो जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि जांच के इस चरण में हम मामले में दखल देने के इच्छुक नहीं है. हम इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं. वहीं नवाब मलिक की जेल हिरासत भी 6 मई तक के लिए बढ़ गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणियां केवल इस तक सीमित हैं कि अंतरिम राहत दी जानी थी या नहीं. ये कानून में उपलब्ध उपचारों का सहारा लेने के रास्ते में नहीं आएगा. वहीं नवाब मलिक की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें 2022 में कैसे गिरफ्तार किया गया, जब मामला 1999 का है ? स्पेशल कोर्ट 5000 पेज की चार्जशीट के चलते जमानत नहीं देगा. पहली नजर में मेरे खिलाफ कोई केस नहीं बनता है. ये PMLA केस नहीं बनता.
दरअसल नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी और सुप्रीम कोर्ट से तत्काल रिहाई की मांग की थी. मलिक ने हाईकोर्ट(High Court) में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था. उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्रवर्तन निदेशालय ( ED) की कार्यवाही रद्द करने व तत्काल रिहा किए जाने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने 15 मार्च को अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि सिर्फ इसलिए प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट ( PMLA) के तहत विशेष अदालत के उन्हें हिरासत में भेजने के आदेश को अवैध या गलत नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वह उनके पक्ष में नहीं है.
मलिक फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. उनकी गिरफ्तारी एक भूमि सौदे के मामले में 23 फरवरी को हुई थी. उन्हें पहले ED की हिरासत में भेजा गया था, फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. वहीं अब नवाब मलिक की जेल हिरासत 6 मई तक के लिए बढ़ गई है. साथ ही कोर्ट ने चार्जशीट के वेरिफिफेशन में तेजी लाने का निर्देश दिया है. ताकि उसके कोग्नीजेंस की प्रकिया जल्द हो सके और आरोपी की चार्जशीट की कॉपी दी जा सके.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved