मुंबई। देश में इस समय शराब (Liquor) का सबसे बड़ा कारोबार चल रहा है और इसे रोकने के लिए कई राज्य प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही हैं तो कई सरकारें राजस्व बढ़ाने के चक्कर में और सरल प्रक्रिया अपना रही हैं। महाराष्ट्र के मंत्री समूह की बैठक (Maharashtra Group of Ministers meeting) में वाइन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सुपर मार्केट में वाइन बेचने को मंजूरी दी गई है। यह प्रस्ताव पिछले 10 साल से लंबित था, जिसे आज किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए मंजूर किया गया है। इस निर्णय का विरोध करते हुए भाजपा (BJP) नेता व विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर (Leader of Opposition Pravin Darekar) ने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय आश्चर्यजनक व दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस संबंध में अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि राज्य में फल से वाइन बनाने का उद्योग बड़े पैमाने पर चल रहा है जिसमें किसानों की बागवानी में तैयार फलों का उपयोग किया जा रहा है। किसानों को अतिरिक्त बाजार मुहैया करवाने के लिए आज मंत्री समूह की बैठक में सुपर मार्केट में स्टाल लगाकर वाइन बेचने को अनुमति दी गई है। इसके लिए सुपर मार्केट एक हजार वर्गफीट का होना अनिवार्य किया गया है। सुपर मार्केट में बिकने वाली वाइन में से 10 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से राज्य सरकार को आय होगी। नवाब मलिक ने कहा कि इससे राज्य सरकार को अतिरिक्त आय होने के साथ ही महाराष्ट्र के किसानों को भी लाभ होगा।
नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश की सरकार राज्य को शराबी बनाने की मुहिम में लगी है। इससे पहले राज्य सरकार ने शराब पर लगा 300 फीसदी आबकारी कर घटाकर 150 फीसदी कर दिया था। अब तो सरकार हर सुपर मार्केट में वाइन बेचने की अनुमति दे दी है। राज्य सरकार यह निर्णय किसानों के नाम पर लेने का दावा कर रही है, जबकि सरकार को किसानों की चिंता बिल्कुल नहीं है। एजेंसी