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    महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, 18 साल से ऊपर के 5 करोड़ 71 लाख लोगों को मुफ्त वैक्सीन

  • April 28, 2021

    मुबंई। महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। 18 से 45 साल के 5 करोड़ 71 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त में वैक्सीन दी जाएगी। कांग्रेस का मत सबको मुफ्त वैक्सीन देने की थी जबकि एनसीपी के नताओं का मानना था कि जिन लोगों की क्षमता है उन्हें मुफ्त में वैक्सीन देने से राज्य के खजाने में अनावश्यक बोझ बढ़ेगा।

    सभी पार्टियों के मंत्रियों के मतों पर विचार करने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य की 5 करोड़ 71 लाख जनता को मुफ्त वैक्सीन देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा महाराष्ट्र में 15 दिनों तक लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया गया है। यानी महाराष्ट्र में 15 मई तक लॉकडाउन कायम रहेगा। ठाकरे सरकार द्वार लिए गए फ्री वैक्सीन के निर्णय का भाजपा ने स्वागत किया है।

    बैठक से निकल कर स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का बयान
    ढाई घंटे तक चली इस बैठक से निकल कर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि कैबिनेट ने सिर्फ एक विषय पर चर्चा की। निर्णय यह हुआ कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए मुफ्त वैक्सीनेशन का निर्णय लिया है। इसमें 6 हजार 500 करोड़ का खर्चा आएगा। इसमें वैक्सीन और वैक्सीन की सीरींज और अन्य सामानों का खर्चा शामिल है। वैक्सीनेशन अगले 6 महीने में पूर्ण कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।

    ढाई घंटे तक चली मंत्रिमंडल की बैठक
    आज महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई थी। मुफ्त वैक्सीन देने और लॉकडाउन बढ़ाने के मुद्दे पर आज की कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई। बैठक में 18 साल से अधिक उम्र के 5 करोड़ 71 लाख लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का यह अहम फैसला किया गया है। यह बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बुलाई गई थी। बैठक साढ़े बारह बजे शुरू हुई जो ढाई घंटे तक चली। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरात, यशोमति ठाकुर, अनिल परब, अस्लम शेख, राजेंद्र शिंगणे, छगन भुजबल, अशोक चव्हाण, सहित अन्य सभी कैबिनेट मंत्री मौजूद रहे।

    18 साल से अधिक के लोगों के लिए 12 करोड़ डोज की जरूरत
    1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए भी वैक्सीनेशन शुरू की जा रही है। ऐसे में राज्य को वैक्सीन के 12 करोड़ से अधिक डोज की जरूरत है। अब सवाल यह उठ रहा है कि इतने डोज की सप्लाई को सुनिश्चित कैसे किया जाए। इस संबंध में हैदराबाद की वैक्सीन निर्माण करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने राज्य सरकार को 600 रुपए प्रति वैक्सीन की दर से 85 लाख कोवैक्सीन का स्टॉक देने के लिए राजी हो गई है। लेकिन यह एक साथ नहीं मिल पाएगी। हर महीने 10-10 लाख का स्टॉक दे पाएगी। पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ने मई के आखिर तक वैक्सीन उपलब्ध करवाने की सहमति जताई है।

    1 मई से शुरू नहीं हो पाएगा वैक्सीनेशन
    राजेश टोपे ने बताया कि जितनी हमें वैक्सीन की जरूरत है उतनी वैक्सीन की उपलब्धता नहीं दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री द्वारा रशियन वैक्सीन स्पूतनिक को भी प्राप्त करने का प्रयास जारी है। इसलिए वैक्सीन की कमी को देखते हुए सरकार ने एक कमिटी गठित की है जो माइक्रो प्लानिंग करेगी कि कैसे सभी लोगों को चरणबद्ध तरीके से वैक्सीन दी जाए। 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू है, उस कार्यक्रम को ना छेड़ते हुए 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए अलग से वैक्सीन सेंटर तैयार किए जाएंगे। और भीड़ ना बढ़े इसलिए वैक्सीन के पहले रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। लेकिन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि कि वैक्सीनेशन 6 महीने में पूरा कर लेने का लक्ष्य हासिल किया गया है।

    वैक्सीन की अधिक सप्लाई की केंद्र से करेंगे मांग
    महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने वैक्सीन, ऑक्सीजन और रेमडिसिवर की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र से अपील करने की बात दोहराई। उन्होंने विपक्ष का भी आह्वान करते हुए कहा कि मिलकर महाराष्ट्र के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि हमने वैक्सीन निर्माता कंपनियों को 8 दिनों पहले पत्र लिख कर कहा था कि हमें 12 करोड़ वैक्सीन की जरूरत है। इस पर भारत बायोटेक ने 600 रुपए प्रति डोज के हिसाब से मई और जून में 10-10 लाख और फिर हर महीने 20-20 लाख वैक्सीन देने की सहमति जताई है।

    स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ने फोन पर हर महीने 1 करोड़ वैक्सीन का स्टॉक देने की बात कही है लेकिन मई के शुरू में यह नहीं हो पाएगा। क्योंकि उनके पास पहले से ही केंद्र सरकार द्वारा दिया हुआ ऑर्डर बुक है। इसलिए सीरम से कोविशील्ड वैक्सीन मई के आखिर से मिलने की संभावना है। लेकिन जिस गति से हम वैक्सीनेशन का काम पूरा करना चाहते हैं उसके लिए हमें और भी दूसरी कंपनियों से बात करनी होगी। हमें हर महीने 2 करोड़ वैक्सीन की जरूरत है। इसलिए मुख्यमंत्री स्पुतनिक वैक्सीन के लिए रशियन कंपनी से बात कर रहे हैं। जितनी वैक्सीन केंद्र से मिलेगी उनका इस्तेमाल करते हुए बची हुई वैक्सीन राज्य सरकार खुद खरीदेगी। वैक्सीन की उपलब्धता हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

    प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त नहीं मिलेगी वैक्सीन
    एक बात स्वास्थ्य मंत्री ने साफ कही कि मुफ्त वैक्सीन सिर्फ सरकारी वैक्सीन सेंटरों में ही दी जा सकेगी। प्राइवेट अस्पतालों में नहीं। प्राइवेट अस्पतालों में जो लोग वैक्सीन लेंगे उन्हें उसका शुल्क देना होगा।

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