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    बदलापुर एनकाउंटर पर घिरी महाराष्ट्र सरकार, विपक्ष ने उठाए सवाल, परिवार ने बताई हत्‍या की साजिश

  • September 24, 2024

    ठाणे । बदलापुर (Badlapur) के एक स्कूल में मामूस बच्चियों के साथ शोषण करने का आरोपी अक्षय शिंदे (Akshay Shinde) की पुलिस एनकाउंटर (Police Encounter) में मौत हो गई. एनकाउंटर के बाद विपक्षी नेता (opposition leader) पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं तो अक्षय के परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अक्षय की हत्या साजिश के तहत की गई है.

    परिवार ने दावा किया कि पिछले सोमवार को अक्षय ने बताया था कि पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा था. साथ ही उन्होंने कार्रवाई न होने पर बेटे (अक्षय) के शव को लेने से इनकार कर दिया.

    अक्षय शिंदे की मां और चाचा ने आजतक से बात करते हुए कहा, ‘अक्षय शिंदे की हत्या साजिश के तहत की गई है, उनको स्कूल प्रशासन और पुलिस पर इसका शक है. जब तक इसकी जांच नहीं होगी और दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक वह अक्षय का शव नहीं लेंगे.’ अक्षय शिंदे की मां ने कहा कि जब वह अपने बेटे से मिलीं तो उसने बताया कि पिछले सोमवार को पुलिसकर्मियों ने उसे बहुत पीटा था.

    पुलिस की थ्योरी
    इस मुठभेड़ के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि आरोपी अक्षय शिंदे ने पुलिस की गाड़ी में पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीनकर टीम पर फायरिंग कर दी थी. आरोपी ने पुलिस पर कई राउंड फायरिंग की, जिसमें दो अधिकारी घायल हो गए. इसके बाद पुलिस टीम जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की, जिसमें अक्षय को गोली लग गई. घायल होने के बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि ये घटना उस वक्त हुई, जब पुलिस टीम अक्षय को तलोजा जेल से अपने साथ ले जा रही थी.


    विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला
    महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि अक्षय शिंदे के दोनो हाथ बांधे थे तो वो गोली कैसे चला सकता है. जिस स्कूल का मामला है वो आरएसएस-बीजेपी से जुड़े लोगों का है. इस घटना को शुरू से ही दबाने की कोशिश हो रही है.

    उन्होंने मामले की हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि इस घटना की रिटायर्ड हाईकोर्ट के न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच होनी चाहिए.

    महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वेडट्टियार ने X पर पोस्ट करते लिखा, ‘अक्षय शिंदे की घटना पर गहरी चिंता जताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, “इस मामले में न्यायिक जांच अनिवार्य होनी चाहिए!” अक्षय शिंदे की गोलीबारी को सबूत को नष्ट करने का प्रयास बताया जा रहा है. नेता ने सवाल उठाए, “अक्षय शिंदे ने खुद को कैसे गोली मारी? जब अक्षय पुलिस हिरासत में था, तो क्या उसके हाथ बंधे नहीं थे? उसे बंदूक कैसे मिली? पुलिस इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है?”

    उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ, बदलापुर मामले में बीजेपी से जुड़े संस्थान के निदेशकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती, वहीं दूसरी ओर, आज आरोपी अक्षय शिंदे ने खुद को गोली मार ली, जो अत्यंत चौंकाने वाला और संदिग्ध है.

    उन्होंने कहा, “हमने शुरू से ही बदलापुर मामले में पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया है.” उन्होंने सरकार से मांग की कि इस मामले में अब न्यायिक जांच कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके.’

    ‘बदल रही हैं पुलिस की कहानियां’
    महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल करते हुए कहा कि पुलिस की कहानियां एक के बाद एक बदल रही हैं, पहले कहा गया कि उसने आत्महत्या करने की कोशिश की, फिर कहा गया कि यह एक एनकाउंटर है, फिर कहा गया कि वह पुलिस पर हमला कर रहा था. देखिए, एनकाउंटर किसका होता है? एनकाउंटर आतंकवादियों, अंडरवर्ल्ड के गुनहगारों का होता है… ऐसा लगता है कि शायद पुलिस किसी उच्च पद पर बैठे व्यक्ति को बचाने की कोशिश कर रही है…क्या इस घटना को अंजाम किसी संस्था चालक थे, उसमें से किसी को अंजाम दिया था और किसी व्यक्ति को फंसाने की कोशिश की है. अगर वो सच बताने की स्थिति में आया है तो उसकी आवाज बंद कर दी गई है. यह बहुत गंभीर मामला है…

    उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि CJI को इस मामले का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और इस घटना को अपने हाथ में लेना चाहिए…” महाराष्ट्र पुलिस का एक वक्त पर ऐसा दबदबा था कि पूरा देश उनको मानता था. पर आज एक घरेलू नौकर जैसी हालत कर दी है पुलिस की. उसको बता था जब किसी आरोपी को ले जाता जाता है तो बंदूक लॉक होती है. मैं मानता हूं कि ये मुंबई पुलिस के लिए काला दिन है.

    ‘न्यायालय करे मामले की जांच’
    कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि बदलापुर की घटना में जो पीड़ित बच्चियों पर अन्याय हुआ था उस आधार पर जनता ने भी मांग की…उस मामले में जो आरोपी पकड़ा गया था कि उसके आत्महत्या की बातें सामने आ रही हैं. हमारी मांग है कि स्कूल का संचालक मंडल जो कि बीजेपी-आरएसएस का था. ये काम उनको बचाने के लिए किया गया था, क्या. हमारी मांग है कि किसी भी आरोपी को बख्शा न जाए ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो… सरकार मुख्य अपराधियों को बचाने का प्रयास क्यों कर रही है, न्यायालय इसकी जांच करे, यह कांग्रेस पार्टी की मांग है…”

    पुलिस ने आत्मरक्षा में की कार्रवाई: सीएम शिंदे
    वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, अक्षय शिंदे जो बदलापुर मामले में आरोपी था. आज उसको तफ्तीश के लिए, उसकी पहली पत्नी ने लैंगिक अत्याचार का मामला दर्ज कराया था. इसमें उसे (अक्षय शिंदे को) जांच के लिए ले जाया जा रहा था. इस दौरान उसने एक पुलिसकर्मी नीलेश मोरे पर गोली चलाई जो घायल हो गया उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने आत्मरक्षा में यह कार्रवाई की. और ऐसी शुरुआती जानकारी मुझे मिली, बाकी की आगे की जानकारी पुलिस जांच के बाद सामने आएगी.”

    क्या बोले डिप्टी सीएम
    महाराष्ट्र डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया बातचीत में इस घटना के बारे में कहा कि, ‘ये जो आरोपी था, इसकी पूर्व पत्नी ने सेक्सुअल असॉल्ट की एक शिकायत की थी, इसके लिए वारंट लेकर तफ्तीश के लिए लेकर जा रहे थे, इस दौरान आरोपी ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर फायरिंग की, जिसमें पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई.’

    ‘महाराष्ट्र पुलिस के साथ रहे खड़े’
    बदलापुर के जिस आरोपी ने दो नन्हीं-नन्हीं बच्चियों के साथ यौन शोषण किया था, उसका एनकाउंटर होना एक बहुत बड़ी खुशखबरी है. जिन लोगों को इस एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं, जिनके दिल में ऐसे बलात्कारी केलिए प्रेम प्रकट हो रहा है. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे आरोपी के साथ खड़े हैं या महाराष्ट्र पुलिस के साथ खड़े हैं. जब यह घटना हुई थी तो यही लोग कह रहे थे कि आरोपी को सार्वजनिक रूप से फांसी मिलनी चाहिए और आज जब इस बलात्कारी ने पुलिस की रिवॉल्वर छीन कर के पुलिस पर वार करना चाह रहा था तो उससे बचने के लिए पुलिसकर्मियों ने उसपर हमला किया या अटैक किया और उसका एनकाउंटर किया तो इससे बड़ी खुशखबरी कुछ नहीं हो सकती. इस लिए एक बलात्कारी के लिए आंसू बहाने के बजाए, महाराष्ट्र पुलिस के साथ खड़े रहिए, ऐसी में विपक्षी के सभी नेताओं से अपील करूंगा.”

    क्या है मामला
    बदलापुर पुलिस ने अक्षय शिंदे को दो स्कूली बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस घटना के सामने आने के बाद स्कूली बच्चों के अभिभावक और स्थानीय लोगों ने भाग लिया, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं. विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में तोड़फोड़ की और ‘रेल रोको’ के दौरान स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पथराव भी किया. इस मामले में एसआईटी जांच कर रही है.

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