मुंबई (Mumbai)। महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में लगातार खींचतान जारी है। इस बीच, 40 साल पुराना तोड़ कर अभिवाजित में शामिल हुए एकनाथ खड़से (Eknath Khadse) एक बार फिर भाजपा (join BJP) में शामिल हो रहे हैं। खड़से ने कहा कि शनिवार को कहा कि वे अगले सप्ताह अपनी मूल पार्टी में शामिल होंगे। खड़से करीब तीन साल पहले महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party – BJP) के नेतृत्व के साथ मतभेद होने पर पार्टी छोड़कर अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Undivided Nationalist Congress Party) में चले गए थे। खडसे ने शनिवार को कहा कि वह अगले सप्ताह दिल्ली में अपनी मूल पार्टी में शामिल होंगे। पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री रहे खडसे ने एक भूमि सौदे के मामले को लेकर 2016 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लंबे इंतजार के बाद शरद पवार की अगुवाई वाली अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अपना सदस्य बनाया था। खडसे ने कहा कि कुछ घटनाक्रमों को लेकर उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी थी।
वह इस समय राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विधान परिषद सदस्य हैं। एक समय महाराष्ट्र में भाजपा के शीर्ष नेताओं में शुमार रहे खडसे (71) ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं भाजपा में लौट रहा हूं। मैंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क किया और पार्टी में लौटने की इच्छा जताई। मैं अगले सप्ताह दिल्ली में औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो जाऊंगा।’’
बहू के खिलाफ चुनाव लड़ने से मना किया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार विधान परिषद सदस्य एकनाथ खडसे को रावेर सीट से उनकी ही बहू रक्षा खडसे के खिलाफ मैदान में उतारना चाहते थे, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। खडसे के आने से उत्तर महाराष्ट्र में भाजपा और मजबूत होगी, जबकि शरद पवार के लिए बड़ा झटका होगा।
पिछले साल दो फाड़ हुई एनसीपी
जुलाई 2023 में महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ, जब अजित पवार ने एनसीपी से बगावत कर दी। पार्टी में फूट के बाद एनसीपी पर अधिकार पर चाचा-भतीजे आमने-सामने आ गए। अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग का रुख किया। वहीं, शरद पवार खेमे ने भी चुनाव आयोग में अपनी बात रखी। चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों के दस्तावेज जांचें और दलीलें सुनीं। चुनाव आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। अब एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार के पास रहेगा।
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