मुंबई । महाराष्ट्र (Maharashtra) के पंढरपुर, लातूर, नेवासा में धनगर जनजाति (Dhangar Tribe) के लोग भूख हड़ताल (Hunger strike) पर बैठे हैं. इनके समर्थन में पूरे राज्य में आंदोलन चल रहा है. सोमवार को बीड जिले के विभिन्न स्थानों पर धनगर समाज (dhangar community) की ओर से सड़क आंदोलन किया गया. धनगर समाज ने आरक्षण (Reservation) लागू करने और एसटी प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए यह सड़क रोको आंदोलन किया. बीड जिले के अंबाजोगाई, परली, केज बीड और अन्य तालुकाओं में भी सोमवार को सड़क रोको आंदोलन किया गया.
महाराष्ट्र के अकोला में भी धनगर समाज एसटी कैटेगेरी के आरक्षण की मांग कर रहा है. उन्होंने सोमवार को मुंबई से कोलकाता जाने वाले नेशनल हाइवे-57 पर रिधोरा गांव के पास भेड़-बकरियां लाकर कई घंटों के लिए रास्ता रोक दिया.
‘सरकार ने हमारी आंखों में धूल झोंकी’
धनगर समाज का कहना है कि हमें बाबासाहेब अंबेडकर ने एसटी में आरक्षण दिया था लेकिन पिछले 70 साल से अनेक सरकारों ने हमारी आंखों में धूल झोंकी और हमें इस आरक्षण से दूर रखा जिसके चलते आज पूरे महाराष्ट्र में धनगर समाज अपनी मांगों के लिए जगह-जगह आंदोलन कर रहा है. अकोला में 1 घंटे तक नेशनल हाइवे पर आंदोलन की जानकारी मिली, जहां पुलिस ने समझा बुझाकर सभी आंदोलनकारियों को किनारे किया और यातायात सुचारू रूप से चालू किया.
अजित पवार के गांव से भी उठी आवाज
राज्य में मराठा और धनगर समुदाय के आरक्षण का मुद्दा जोरों पर है. आरक्षण की मांग को लेकर गांव-गांव में आंदोलन किए जा रहे हैं. ऐसे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के काटेवाडी गांव में भी पंढरपुर में चल रहे धनगर आरक्षण के समर्थन में आंदोलन किया गया. धनगर समाज की ओर से बारामती इंदापुर मार्ग पर काटेवाडी में रास्ता रोको आंदोलन किया गया.
भेड़-बकरियों के साथ सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी
धनगर समाज की ओर से भेड़-बकरियों के साथ सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध किया गया. बारामती तालुका के काटेवाडी समेत झारगडवाडी और पनदरे गांवों में भी धनगर भाइयों ने सड़क जाम कर दी और मांग की कि सरकार तुरंत धनगर समुदाय को आरक्षण दे. रास्ता रोको आंदोलन के कारण सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की कतारें लग गईं.
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