मुंबई। मुंबई ( mumbai) में कोरोना (corona) के डेल्टा प्लस वायरस (delta plus virus) से संक्रमित एक मरीज की मौत हुई है। शहर में 10 अन्य डेल्टा प्लस संक्रमितों का इलाज जारी है। वहीं, महाराष्ट्र (Maharashtra) के सभी स्कूलों में वर्ष 2021/22 के लिए शुल्क में 15 फीसदी कटौती (15% reduction in fee) किए जाने का शासनादेश जारी किया गया है। इस आदेश का पालन न करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है।
मुंबई नगर निगम की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमारे ने बताया कि मुंबई में डेल्टा प्लस वायरस से संक्रमित 11 मरीजों का इलाजरत थे। इनमें से एक संक्रमित की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि डेल्टा प्लस वायरस से मृत 55 वर्षीय महिला की कोरोना जांच 21 जुलाई को की गई थी। जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद 24 जुलाई को उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और 27 जुलाई को संक्रमित महिला की मौत हो गई थी। उस महिला की रिपोर्ट जिनोम सिक्वेसिंग करने के लिए भेजी गई थी। इसकी रिपोर्ट गुरुवार को आई है, जिसमें पता चला है कि मृत महिला कोरोना डेल्टा प्लस वायरस से भी संक्रमित थी। डॉ. गोमारे ने बताया कि जिनोम सिक्वेसिंग रिपोर्ट के अनुसार अबतक शहर में 11 कुल मरीज पाए गए हैं, इनमें से एक मरीज की मौत हो गई है और 10 मरीजों का इलाज जारी है।
वहीं, जानकारी के अनुसार कोरोना के दौरान स्कूलों में छात्रों को सिर्फ आनलाइन शिक्षण दिया गया है। स्कूल के किसी भी सुविधा का लाभ छात्रों ने नहीं लिया है। इसलिए पालकों ने स्कूलों की फीस माफ करने की मांग की थी। पालकों की इस मांग का विरोध शिक्षण संस्थाओं ने किया था। शिक्षण संस्थाओं का कहना था कि कोरोना की वजह से वे आर्थिक रूप से तकलीफ झेल रहे हैं, इसलिए छात्रों के शुल्क में कटौती का उन पर विपरीत परिणाम पड़ेगा। इसके बाद इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने 22 जुलाई को राज्य सरकार को सभी स्कूलों में शुल्क में कटौती किए जाने का आदेश जारी किया था।
इस मामले में शिक्षा विभाग ने 15 फीसदी शुल्क में कटौती का निर्णय लिया था लेकिन बुधवार को मंत्री समूह की बैठक में कई मंत्रियों ने इस निर्णय का जोरदार विरोध किया था। इसी वजह से बुधवार को यह शासनादेश जारी नहीं किया जा सका थाॉ लेकिन आज शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड़ ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों से बैठक के बाद यह शासनादेश जारी कर दिया है।
इस शासनादेश के अनुसार जिन छात्रों ने पूरे वर्ष की शुल्क भर दिया है। स्कूल छात्रों को 15 फीसदी शुल्क वापस कर दें जो स्कूल इस शासनादेश का पालन नहीं करें, उनकी शिकायत संबंधित शिक्षा अधिकारी से करें। शासनादेश का पालन न करने वाले स्कूलों पर शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा। (एजेंसी, हि.स.)
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