नई दिल्ली । छत्रपति संभाजी नगर के खुल्दाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurangzeb) की कब्र (Grave) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं (BJP Leaders) के कब्र को हटाने के आह्वान के बीच बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (Bajrang Dal and Vishwa Hindu Parishad) ने भी अपनी मांगों को तेज कर दिया है। दोनों संगठनों की तरफ से धमकी दी गई है कि अगर सरकार इस मामले में कार्रवाई करने में विफल रहती है तो वे यहां भी कारसेवा करेंगे।
दोनों संगठनों के नेताओं की तरफ से कहा गया कि वे मिलकर 17 मार्च को राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौपेंगे, जिसमें कानूनी तरीकों से कब्र को हटाने की मांग की जाएगी। अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो राज्यव्यापी कारसेवा और विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कब्र औरंगजेब के शासन के दौरान हिंदुओं पर सदियों तक किए गए अत्याचार और उत्पीड़न का प्रतीक है इसे ध्वस्त कर देना चाहिए।
पुणे में मीडिया से बात करते हुए विश्व हिंदू परिषद के नेता ने कहा कि औरंगजेब का इतिहास उसकी क्रूरता से भरा हुआ है। उसने अपने पिता को कैद कर लिया, अपने भाइयों को मार डाला और हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया। उसकी कब्र का यहां होना केवल उसके अत्याचारों का महिमामंडन करना है। महाराष्ट्र सरकार को इसे तत्काल प्रभाव से हटा देना चाहिए। अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो हम इसे लेकर कारसेवा करेंगे, जैसा की हमने राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान किया था।
मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग पिछले सप्ताह सरकार में मंत्री नितेश राणे और पूर्व सांसद नवनीत राणा द्वारा की गई थी। नेताओं की मांग के बाद मुख्यमंत्री देवेंन्द्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया था। हालांकि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि कोई भी कार्रवाई कानून के अंतर्गत ही होनी चाहिए।
विपक्षी नेताओं ने भाजपा नेताओं द्वारा उठाई जा रही इस मांग का विरोध किया। महाराष्ट्र विधानसभा परिषद के नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि औरंगजेब की कब्र का यहां होना इस बात का सबूत है कि वह यहां आया था और यहीं पर पराजित होकर मारा गया। हमें आने वाली पीढ़ियों को यह बताने में सक्षम होना चाहिए कि यहीं वह धरती है जहां पर हिन्दुस्तान के शहंशाह को पराजित करके दफनाया गया है।
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