नई दिल्ली: महाराष्ट्र के दो बड़े विपक्षी दल शिवसेना और एनसीपी अब बीजेपी के साथ सरकार में शामिल हो चुके हैं. इन दोनों ही दलों के ज्यादातर विधायक पाला बदल चुके हैं और पार्टी दो फाड़ हो चुकी है. ऐसे में अब कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी बची है, जिसके कुनबे में सेंधमारी नहीं हुई है. इसी बीच दिल्ली में कांग्रेस के बड़े नेताओं की महाराष्ट्र को लेकर एक अहम बैठक होने जा रही है. 11 जुलाई को होने जा रही इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे.
पार्टी सूत्रों ने बताया है कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रदेश के राजनीतिक हालात पर चर्चा करेंगे. इस दौरान विधायकों पर मंडरा रहे खतरे को लेकर भी चर्चा हो सकती है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र में विधायकों की अदला-बदली वाला मौसम चल रहा है. ऐसे में कांग्रेस को भी पार्टी में फूट की चिंता सताने लगी है.
महाराष्ट्र कांग्रेस की चिंताएं तब ज्यादा बढ़ गईं, जब बीजेपी नेताओं की तरफ से विधायकों के संपर्क में होने की बात कही गई. एनसीपी में दो फाड़ के बाद बीजेपी नेताओं ने दावा किया है कि इकलौती विपक्षी दल कांग्रेस के भी कई विधायक उनके संपर्क में हैं और आने वाले दिनों में वो भी गठबंधन के साथ जुड़ सकते हैं. महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दावा किया कि कांग्रेस और अन्य दलों के नेता एनडीए में शामिल होना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई नेता अपनी पार्टी से खुश नहीं हैं.
हालांकि कांग्रेस ने विधायकों के संपर्क में होने वाले दावे को खारिज किया है. कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी काफी पहले से ऐसी कोशिशें करती आई है, लेकिन वो सफल नहीं होगी. कांग्रेस महाराष्ट्र में नेता विपक्ष का पद हासिल करने की कोशिश में जुटी है, ऐसे में अगर पार्टी में कुछ भी गड़बड़ होती है तो ये आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा. फिलहाल कांग्रेस के पास महाराष्ट्र में कुल 44 विधायक हैं, वहीं शिवसेना और एनसीपी पूरी तरह टूट चुकी है. इस लिहाज से वो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बन गई है.
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