मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजधानी मुंबई (capital Mumbai) में पुणे के पोर्श कांड (Pune’s Porsche incident) जैसा केस सामने आया है. यहां नाबालिग SUV चालक (Underage SUV driver) ने एक बाइक सवार को रौंद दिया. हादसे में बाइक चला रहे 24 साल के युवक की मौत हो गई. दुर्घटना के बाद नाबालिग आरोपी SUV चालक को पकड़ लिया गया. नाबालिक के अलावा दो और लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गाय है. बताया जा रहा है कि हादसे के बाद नाबालिग ने भागने की कोशिश भी की थी।
हादसा मुंबई के गोरेगांव इलाके में हुआ. सीसीटीवी की मदद से पुलिस ने धरपकड़ की है. पुलिस के मुताबिक गुरुवार सुबह तेज रफ्तार महिंद्रा स्कॉर्पियो (SUV) ने 24 साल के बाइक सवार को उड़ा दिया. युवक को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने कार जब्त कर ली है।
हादसे के बाद खंभे से टकराई SUV
पुलिस ने बताया कि बाइक सवार को चक्कर मारने के बाद एसयूवी एक बिजली के खंभे से भी टकरा गई थी, जिसमें नाबालिग को चोटें आईं. इसके बाद आरोपी ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
गोरेगांव में दूध बांट रहा था बाइक सवार
जानकारी अनुसार 24 वर्षीय बाइक सवार नवीन वैष्णव गोरेगांव इलाके में दूध बांट रहा था. हादसा सुबह करीब 4 बजे आरे कॉलोनी में हुआ. आरोपी चालक की उम्र 17 साल है. इसलिए एसयूवी मालिक इकबाल जिवानी (48) और उसके बेटे मोहम्मद फैज इकबाल जिवानी (21) के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
आरोपी के ब्लड सैंपल भेजे गए लेबोरेटरी
पुलिस के मुताबिक नाबालिग के ब्लड सैंपल लेबोरेटरी में भेजे गए हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि उसने शराब पी रखी थी या नहीं. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी ने दुर्घटना से पहले अपने दोस्तों के साथ पार्टी की थी।
पुणे में भी सामने आया था ऐसा मामला
इस साल 19 मई को पुणे में भी ऐसा ही केस सामने आया था. कथित तौर पर नाबालिग आरोपी नशे की हालत में था और काफी स्पीड से पोर्श कार चला रहा था. इस दौरान कार से टकराकर दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी. नाबालिग आरोपी को उसी दिन किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दे दी थी और उसे अपने माता-पिता और दादा की देखरेख में रखने का आदेश दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने ये शर्त भी रखी थी कि नाबालिग आरोपी को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा. हालांकि पुलिस ने बाद में बोर्ड के समक्ष एक आवेदन दायर किया, जिसमें जमानत के आदेश में संशोधन की मांग की गई थी. 22 मई को बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को हिरासत में लेने और उसे बाल सुधार गृह में भेजने का आदेश दिया था।
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